कर्नाटक के डिप्टी सीएम डी. के. शिवकुमार ने शुक्रवार (14 मार्च, 2025) को आरोप लगाया कि विभिन्न राजनीतिक दलों के विधायक बेंगलुरू के कचरा संकट को लेकर सरकार को ब्लैकमेल कर रहे हैं. डी. के. शिवकुमार ने विधान परिषद में उन्हें ब्लैकमेलर बताते हुए उन्होंने दावा किया कि ये विधायक विकास निधि में 800 करोड़ रुपये की मांग कर रहे हैं.
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि शहर के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को एक बड़ा माफिया नियंत्रित कर रहा है. डिप्टी सीएम शिवकुमार शहर में कूड़े के मुद्दे पर विधान पार्षद एम. नागराजू के सवाल का जवाब दे रहे थे.
नागराजू ने बताया कि कचरा निस्तारण सुविधाओं की कमी के कारण कई कचरा परिवहन वाहन सड़कों पर फंसे हुए हैं. उन्होंने शहर से कचरा साफ न होने पर भी चिंता जताई. बेंगलुरू विकास मंत्री डी. के. शिवकुमार ने विधान परिषद में कहा, 'मैंने मीडिया में कचरे की समस्या के बारे में खबरें देखी हैं. यहां एक बड़ा माफिया है. कचरा निस्तारण ठेकेदारों ने एक गिरोह बना लिया है और मानक दरों से 85 पर्सेंट अधिक कीमत लगाई है. अब, उन्होंने हमें कार्रवाई करने से रोकने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है.'
उन्होंने आगे दावा किया कि कानूनी बाधाओं के कारण ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को कारगर बनाने के सरकारी प्रयासों में देरी हो रही है. डिप्टी सीएम ने खुलासा किया कि सरकार ने शहर के कचरा निपटान कार्य को चार पैकेजों में विभाजित करने और कचरे को 50 किलोमीटर दूर ले जाने की योजना बनाई थी, लेकिन यह पहल रुकी हुई है.
उन्होंने कहा, 'हमारे बेंगलुरु के विधायक हमें ब्लैकमेल कर रहे हैं. मैं उनका नाम नहीं लेना चाहता. मैं आपको सच्चाई बता रहा हूं. वे सभी पार्टियों से हैं. वे विकास निधि के रूप में 800 करोड़ रुपये चाहते हैं. मैं यहां उनका नाम नहीं ले सकता.' उन्होंने परिषद को बताया कि पिछले तीन दिनों से शहर के महादेवपुरा में वाहन फंसे हुए हैं.
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