मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस कोच्चि में तैनात चीफ इंजीनियर राकेश कुमार गर्ग और उनके सहयोगियों की लगभग साढ़े 7 करोड़ रुपए की चल अचल संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय ने जप्त की है. इसमें 4 करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी और 6 किलो सोना शामिल है. राकेश कुमार गर्ग पर आरोप है कि दिए जाने वाले सरकारी टेंडरों में वो 1% की रकम बतौर रिश्वत लेते थे.
टेंडर की एवज में ली गई रिश्वतप्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक इस मामले की जांच सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर शुरू की गई थी. इस एफआईआर में कोच्चि के कटारी बाग नेवल बेस में तैनात तत्कालीन मुख्य अभियंता राकेश कुमार गर्ग और उनके सहयोगी संजीव खन्ना और संजीव कुमार अग्रवाल के खिलाफ कई आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में आरोप था कि राकेश कुमार गर्ग जोकि मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस के अधिकारी थे और कोच्चि में साल 2019 में मुख्य अभियंता नौसेना कार्य का कार्यभार देख रहे थे. इस दौरान उन्होंने नेवल बेस कोच्चि द्वारा दिए जा रहे टेंडरों में कथित तौर पर घपले बाजी की और काम करने वाले प्राइवेट ठेकेदारों से 1% की धनराशि बतौर रिश्वत वसूल की.
रिश्वत के पैसे से खरीदा सोनासीबीआई ने इस मामले में राकेश कुमार गर्ग और उनके सहयोगियों के अलावा कुछ सरकारी अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने पाया कि राकेश कुमार गर्ग और उनके सहयोगियों ने रिश्वत में ली गई धनराशि को सोने के रूप में भी बदला था. प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में अब तक की जांच के बाद 6 किलो से ज्यादा सोना जिसकी कीमत लगभग पौने चार करोड़ रुपए बताई गई है, के साथ 4 करोड़ ₹2 लाख की नकदी भी जब्त की है. फिलहाल ईडी इस मामले में रिश्वत की रकम और कहां-कहां गई इस बाबत जांच कर रही है.
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