नई दिल्ली: केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री और पूर्व पत्रकार एमजे अकबर पर #MeToo कैंपेन के तहत तीन महिला पत्रकारों प्रिया रमानी, प्रेरणा बिंद्रा और शुमा राहा ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. आरोप के बाद विपक्षी दलों ने एमजे अकबर से इस्तीफे की मांग की है. ताज़ा हमला करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि इसकी जांच होनी चाहिए और सबसे पहले जिस पर आरोप लग रहे हैं वो चुप्पी तोड़ें. प्रियंका ने पीएम नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की चुप्पी पर भी सवाल खड़े किए.
वहीं, उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पर सवाल उठाते हुए कहा कि खुद एक महिला होते हुए सुषमा अब तक कैसे चुप हैं. प्रियंका ने कहा, "एमजे अकबर अब तक ख़ामोश क्यो हैं. फिर पीएम जवाब दें. जो बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ की बातें करते थे वो चुप्पी तोड़ें." उन्होंने अकबर का बचाव करने और महिलाओं के खिलाफ बोलने के लिए उदित राज की भी आलोचना की.
इसके पहले कांग्रेस नेता शोभा ओझा ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि यह शर्मनाक है. उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. वहीं अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (एसपी) ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि तुरंत उन्हें (अकबर) बर्खास्त करे. सरकार की तरफ से एमजे अकबर पर लगे आरोपों को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है. जब इस संबंध में केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साधे रखी. कई संवादताओं ने सुषमा स्वराज से कहा कि विदेश मंत्रालय के जूनियर मिनिस्टर (राज्य मंत्री) पर यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगे हैं? इसपर बीजेपी नेता सुषमा कुछ भी नहीं बोली, आगे बढ़ती रहीं. एक संवाददाता ने पूछा कि क्या आप आरोपों के संबंध में आंतरिक कमेटी का गठन करेंगे उसके बाद भी सुषमा स्वराज ने जवाब नहीं दिया.
इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता उदित राज ने इशारों-इशारों में एमजे अकबर का समर्थन किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''#MeToo कैम्पेन जरूरी है लेकिन किसी व्यक्ति पर 10 साल बाद यौन शोषण का आरोप लगाने का क्या मतलब है? इतने सालों बाद ऐसे मामले की सत्यता की जांच कैसे हो सकेगा? जिस व्यक्ति पर झूठा आरोप लगा दिया जाएगा उसकी छवि का कितना बड़ा नुकसान होगा ये सोचने वाली बात है. गलत प्रथा की शुरुआत है.''
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उत्तर-पश्चिम दिल्ली से सांसद उदित राज ने कहा, ''यह कैसे संभव है कि कोई "लिव इन रिलेशन" में रहने वाली लड़की अपने पार्टनर पर कभी भी 'रेप' का आरोप लगाकर उस व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज करा दे, वो व्यक्ति जेल चला जाए. इस तरह की घटना आये दिन किसी न किसी के साथ हो रहा है. क्या ये अब ब्लैकमेलिंग के लिए नही इस्तेमाल हो रहा है?''
दरअसल, सोशल मीडिया पर #MeToo कैंपेन चल रहा है. इसके तहत महिलाएं अपने साथ हुए यौन दुर्व्यवहार और बदसलूकी की कहानी बयां कर रही हैं. इसकी ज़द में मीडिया, फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी कई बड़ी हस्तियां आ चुकी हैं.
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