नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने आज अमरनाथ यात्रा को रोके जाने के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार की ओर से जारी की गई एडवाइजरी की वजह से लोगों में भ्रम और असमंजस पैदा हो चुका है. ताजा हालातों के चलते यहां डर का माहौल बना हुआ है. मैंने इस तरह की हलचल यहां कभी नहीं देखी. एक तरफ गवर्नर साहब कहते हैं कि स्थिति सामान्य है और दूसरी तरफ घाटी में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है.

उन्होंने कहा कि ऐसा डर है कि 35ए को खत्म कर दिया जाएगा. महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वह राज्य के विशेष दर्जे के साथ छेड़-छाड़ न करें. पीडीपी की नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री को जरूर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ‘जम्मू-कश्मीर के लोगों द्वारा दी गई कुर्बानी बेकार न जाए.’उन्होंने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करती हूं कि वह जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे के साथ छेड़छाड़ न करें.’

नेशनल कॉफ्रेंस के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के साथ मुफ्ती बैठक करने जा रही थीं लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया गया. लेकिन बाद में उन्हें अब्दुल्ला के आवास पर जाने की मंजूरी मिल गई.

इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा कि ‘अब मामला आर पार का हो चुका है और भारत ने जनता के बजाय जमीन को तरजीह दी है’ पीडीपी अध्यक्ष ने ट्वीट किया, ‘आप एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य के प्यार को जीतने में नाकाम रहे, जिसने धार्मिक आधार पर विभेद को खारिज किया और धर्मनिरपेक्ष भारत को चुना. अब मामला आर पार का हो चुका है और भारत ने जनता के बदले जमीन को तरजीह दी है.’

उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि अपनी विशिष्ट पहचान की रक्षा के लिये जो कुछ भी बाकी बचा है, उसे भारत, जम्मू कश्मीर की जनता से ‘बलपूर्वक छीनने’ की तैयारी में है.

उन्होंने एक और ट्वीट कर कहा, ‘(पीडीपी के संस्थापक और दो बार मुख्यमंत्री रहे) मुफ्ती (मोहम्मद सईद) साहब हमेशा कहा करते थे कि कश्मीरियों को जो कुछ भी मिलेगा वह उनके अपने देश भारत से मिलेगा. लेकिन आज ऐसा लगता है कि अपनी विशिष्ट पहचान की रक्षा के लिये उनके पास जो कुछ भी बचा था, यही देश उनसे वह बलपूर्वक छीनने की तैयारी कर रहा है.’इससे पूर्व, पूर्व मुख्यमंत्री ने उम्मीद जतायी कि असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए कश्मीर का इस्तेमाल नहीं होगा.

कई जगहों पर यातायात जाम के बीच महबूबा ने कहा,‘श्रीनगर की सड़कों पर एकदम अराजकता है. लोग एटीएम, पेट्रोल पंपों की ओर दौड़ रहे हैं, घरों में जरूरी सामान भर रहे हैं. क्या भारत सरकार केवल तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए चिंतित है और कश्मीरियों को उनके हालात पर अकेला छोड़ दिया गया है?’