नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने आज 'किसान संसद' में एक मीडियाकर्मी पर हुए कथित हमले को लेकर कहा है कि ये आपराधिक कृत्य है. इसके साथ ही उन्होंने टीएमसी पर भी निशाना साधा है और संसद में उनके बर्ताव को शर्मनाक बताया है.


मीडियाकर्मी पर हुए कथित हमले पर विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा, 'वे किसान नहीं, वे मवाली है... ये आपराधिक कृत्य है. 26 जनवरी को जो हुआ वह भी शर्मनाक आपराधिक गतिविधियां थी. विपक्ष ने इस तरह की गतिविधियों को बढ़ावा दिया है. इसका संज्ञान लेना चाहिए. ये आपराधिक मामला है.'


वहीं टीएमसी सांसद शांतनु सेन की ओर से आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथ से पेपर छीनकर फाड़ने के मामले को लेकर मीनाक्षी लेखी ने कहा कि विपक्ष विशेष रूप से टीएमसी और कांग्रेस के सदस्य इतने नीचे गिर जाएंगे कि वे राजनीतिक विरोधी होते हुए भी देश की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाले काम करेंगे. आज सदन में एक सदस्य ने बयान देने वाले मंत्री से कागजात छीन लिए. टीएमसी के सांसदों का बर्ताव शर्मनाक है.


मीनाक्षी लेखी ने कहा, 'आज टीएमसी के सदस्य ने जो राज्यसभा में किया वो शर्मनाक है. कांग्रेस और टीएमसी झूठे नैरेटिव बनाने में कामयाब हो रहे हैं. मैं कांग्रेस और टीएमसी के द्वारा गलत खबर प्रचारित करने की बात का खंडन करती हूं. एमनेस्टी ने कहा है कि इस लिस्ट से उनका लेना देना नहीं है. उन्होंने पीछा छुड़ा लिया है.'


पेगासस विवाद


इसके अलावा मीनाक्षी लेखी ने पेगासस विवाद पर कहा कि इस मामले में सिर्फ भारत में ही हंगामा हो रहा है. पेगासस जासूसी का मामला फेक न्यूज़ है. क्या दूसरे राज्यों में भी विपक्ष इस तरह से बर्ताव कर रहा है? विपक्ष संसद को ठीक से चलने नहीं दे रहा है. भारतीय संस्थानों को नीचा दिखाने की कोशिश हो रही है. संसद में विपक्ष की ओर से लोकतंत्र का अपमान हो रहा है.


उन्होंने कहा कि पेगासस जासूसी रिपोर्ट सिर्फ भारत को बदनाम करने के लिए है. ये एक जानकारी है जो मनगंढत है. पेगासस जासूसी की रिपोर्ट पूरी तरह से गलत है. विपक्ष संसद की कार्यवाही को बाधित कर रहा है. मामले को उठाने वाली एजेंसी के पास भी कोई सुबूत नहीं है. लिस्ट में 10 देशों के नाम है लेकिन कहीं पर भी भारत के विपक्ष की तरह बर्ताव नहीं किया जा रहा है.


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