Pangong Lake Disupte: चीन द्वारा पैंगोंग झील और उसके आसपास के इलाके में एक दूसरे पुल का निर्माण किए जाने को लेकर जारी हुई सैटेलाइट तस्वीरों के बाद भारत की ओर से इस मामले पर प्रतिक्रिया दी गई है. इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि, ब्रिज के बारे में रिपोर्ट देखी हैं, ये सैन्य मुद्दा है, इसपर मैं कुछ कह नहीं पाऊंगा. इसे हम अधिकृत क्षेत्र मानते हैं.


उन्होंने कहा इसे लेकर चीन से बातचीत चल रही है. एलएसी के बारे में हमारी लगातार चीन से बातचीत होती रहती है. बागची ने बताया कि चीन के विदेश मंत्री भी आए थे. हमने उनके सामने हमारी अपेक्षाएं भी रखी. हमारी कोशिश रहेगी कि इसे आगे बढ़ाते रहें, बातचीत से समाधान निकालना पड़ेगा.






गौरतलब है पूर्वी लद्दाख की विवादित पैंगोंग झील पर चीन की पीएलए ने दूसरे पुल का निर्माण-कार्य शुरू कर दिया है. जिसे लेकर ओपन-सोर्स इंटेलीजेंस, डेड्रस्फा (डैमिन सिमोन) ने सैटेलाइट इमेज के जरिए इस बात का खुलासा किया था. हालांकि, चीन ने इस पुल का निर्माण भी पहले ब्रिज की तरह ही अपने अधिकार-क्षेत्र वाली झील पर शुरू किया है लेकिन चिंता की बात ये है कि ये भारत से सटी एलएसी के बेहद करीब में तैयार किया गया है. 


डेट्रस्फा ने जो सैटेलाइट इमेज जारी की थी, उससे पता चलता है कि दूसरा पुल पहले ब्रिज से सटा हुआ है. दूसरा पुल पैंगोंग झील के दोनों छोर यानी उत्तर और दक्षिण दोनों तरफ से बनाया जा रहा है. ये पुल पहले वाले ब्रिज से बिल्कुल सटा हुआ है जिसका निर्माण-कार्य हाल ही में चीन ने पूरा किया था. 


माना जा रहा है कि या तो चीन की पीएलए सेना आने और जाने के लिए अलग-अलग पुलों का निर्माण कर रही है. या फिर हो सकता है कि एक पुल पैदल-सैनिकों के लिए हो और दूसरा टैंक, आर्म्ड पर्सनेल कैरियर (एपीसी) और दूसरे मिलिट्री-व्हीकल्स के लिए हो. 


चीन पैंगोंग लेक पर इन पुल का निर्माण इसलिए कर रहा है ताकि उसके सैनिक झील के उत्तर और दक्षिण इलाकों में आसानी से आवागमन कर सकें. दरअसल,  2019 में पैंगोंग लेक के उत्तर और दक्षिण दोनों में भारत और चीन की सेनाओं में विवाद हुआ था.


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