MEA On China Disengagement: हाल ही में भारतीय सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने कहा था कि एलएसी पर संवेदनशील स्थिति है. इसको लेकर विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार (17 जनवरी, 2025) को कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति को लेकर रुख में कोई विरोधाभास नहीं है. विदेश मंत्रालय के इस बयान से कुछ दिन पहले सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा था कि इस क्षेत्र में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच कुछ हद तक गतिरोध बना हुआ है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ''सेना प्रमुख ने जो कहा है और हमने जो रुख अपनाया है, उसमें हमें कोई विरोधाभास नजर नहीं आता.'' पिछले साल 21 अक्टूबर को बनी सहमति के बाद, भारतीय और चीनी सैन्य पक्षों ने डेमचोक और डेपसांग के दो शेष विवादास्पद बिंदुओं से सैनिकों को वापस बुला लिया था.
‘भारत और चीन में बेहतर तालमेल की जरूरत’
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस सप्ताह एक संवाददाता सम्मेलन में जनरल द्विवेदी ने कहा था कि भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच अभी भी कुछ हद तक गतिरोध बना हुआ है और दोनों पक्षों को स्थिति को शांत करने और विश्वास बहाल करने के बारे में व्यापक तालमेल बनाने की जरूरत है. जबकि विदेश मंत्रालय ने कहा है कि देपसांग और डेमचोक में टकराव वाले बिंदुओं पर पीछे हटने का काम पूरा हो गया है और सेना प्रमुख का कहना था कि सेनाओं के बीच अभी भी "कुछ हद तक गतिरोध" बना हुआ है.
‘सरकार और सेना का एक रुख’
सेना प्रमुख की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर, जायसवाल ने वीकली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सेना और विदेश मंत्रालय दोनों का इस मुद्दे पर रुख एक है. जयसवाल ने कहा, “मैं संसद में प्रकट किए गए विदेश मंत्री के रुख का उल्लेख करना चाहता हूं. विदेश मंत्री सैनिकों की वापसी के संबंध में स्थिति बहुत स्पष्ट कर चुके हैं.” उन्होंने कहा, “जहां तक 21 अक्टूबर को बनी सहमति का सवाल है, हमारा उद्देश्य संबंधित गश्त बिंदुओं पर अतीत की तरह गश्त सुनिश्चित करना है.”
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