नई दिल्ली: एमसीडी और दिल्ली सरकार के बीच लगातार आरोपों कि झड़ी लगी हुई है. एमसीडी का कहना है कि उसके लगभग 13 हज़ार करोड़ रुपये दिल्ली सरकार पर बकाया हैं. इसी को लेकर लगातार बीजेपी दिल्ली सरकार पर हमलावर है. एमसीडी अपने कर्मचारियों को सैलरी और पेंशन नहीं दे पाने के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है.


अभी कुछ ही दिन पहले लगभग 13 दिनों तक एमसीडी के तीनों महापौरों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर का घेराव कर प्रदर्शन किया था. वहीं प्रदेश भाजपा भी इस मुद्दे पर केजरीवाल सरकार को घेरने में पीछे नहीं है. एमसीडी के तीनों महापौर और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता और सांसद रमेश बिधूड़ी आज केजरीवाल सरकार के खिलाफ सत्याग्रह में शामिल हुए. दरअसल आज तीनों ही एमसीडी के महापौर और कार्यकर्ता आम आदमी पार्टी के कार्यालय के पास 'सत्याग्रह' करने के लिए एक जुट हुए. प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता और सांसद रमेश बिधूड़ी एमसीडी का समर्थन करने पहुंचे.


आदेश गुप्ता ने कोरोना वॉरियर्स की खराब हालत का ज़िम्मेदार दिल्ली सरकार को बताया और कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने निगम के 13 हज़ार करोड़ रुपये देने से मना कर दिया है. दिल्ली के निगम के मेयरों और पार्षदों ने सत्यग्रह का रास्ता अपनाया है. उन्होंने कहा, "मैं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से यह कहना चाहता हूं कि वह आम लोगों की बात करते थे, सत्याग्रह करते थे और आज हिटलरगिरी कर रहे हैं. हिटलर वाले रवैइये के साथ काम कर रहे हैं. जैसे हिटलर ने पूरी दुनिया को बर्बाद किया वैसे ही केजरीवाल ने दिल्ली को बर्बाद कर दिया. केजरीवाल हिटलर कि वो बात मान रहे हैं कि एक झूठ 10 बार बोलने से झूठ सच बन जाता है. लेकिन वो अगर 1 लाख बार भी ये कहेंगे तब भी झूठ को सच नहीं बना सकते हैं.


सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि विधानसभा में हमने चुनौती दी थी कि अगर तीनों ही निगमों में कोई घोटाला हुआ है तो मैं अपना पद छोड़ दूंगा. मैं तीनों महापौर के साथ उनके संघर्ष में उनके साथ हूं. वहीं एमसीडी के तीनों महापौर जो पिछले कई दिनों से दिल्ली सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर रहें हैं, उन्होंने भी सरकार को घेरा.


पूर्वी दिल्ली के मेयर निर्मल जैन ने कहा कि वह संविधानिक पैसा है. दिल्ली सरकार उसे रोक नहीं सकती है. उनको पैसा देना ही पड़ेगा. वहीं, दक्षिणी दिल्ली की महापौर अनामिका सिंह ने कहा कि एमसीडी कर्मचारियों का वेतन 6 महीने से फंड न दिए जाने के कारण फंसा है. कर्मचारी चिंता ना करें, क्योंकि हमारा संघर्ष जारी है. 13000 करोड़ रुपये लेकर ही रहेंगे.


उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश ने कहा कि दिल्ली सरकार कुंभकरण से भी गहरी नींद में सोई हुई है. दिल्ली सरकार ने नींद की गोलियां खा ली हैं और हम उसे जगाने का प्रयास कर रहें हैं.


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