नई दिल्ली: बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने दलितों के बहाने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि 2 अप्रैल के दलित आंदोलन से बीजेपी बुरी तरह डरी हुई है इसलिए दलितों का उत्पीड़न किया जा रहा है. मायावती ने कहा कि दलितों को झूठे केस में फंसाया जा रहा है. मायावती ने देश के मौजूदा हालात की तुलना इमरजेंसी से की.
मायावती ने कहा, ''कुछ दलित सांसदों ने बीजेपी द्वारा किए जा रहे जातिवादी व्यवहार और दलितों पर हो रहे हमलों को लेकर की जा रही बयानबाजी सिर्फ कोरी राजनीति और नाटकबाजी है. बीजेपी की सरकार में दलितों पर आय दिन दुखों का पहाड़ टूटता रहता है. इसके चलते दुखी होकर मुझे संसद तक से इस्तीफा देना पड़ा. उस वक्त बीजेपी ये दलित सांसद कुंभकर्ण की नींद सो रहे थे.''
मायावती ने कहा, ''लोकसभा के चुनाव का समय नजदीक आ गया है बीजेपी का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है. बीजेपी के दलित सांसद समाज में दुत्कारे भी जा रहे हैं, इससे बचने के लिए ये लोग ऐसी नाटकबाजी कर रहा है."
मायावती ने कहा, "बीजेपी को समझ लेना चाहिए कि वे दलितों के साथ खेलने की कोशिश ना करें वर्ना फिर इनकी भी कहीं वही दुर्गति ना हो जाए जो 1975 की इमरजेंसी के बाद 1977 में कांग्रेस पार्टी की हुई थी. दलितों, गरीबों और आदिवासियों की हाय बीजेपी को अगले चुनाव में खत्म और बर्बाद ना कर दे.''
इससे पहले दिल्ली से बीजेपी सांसद और दलित नेता उदित राज ने भी दलितों को झूठे केस में फंसाने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. उदित राज ने आरोप लगाया है कि 2 अप्रैल को दलितों के भारत बंद के बाद देश के अलग-अलग शहरों में दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं. झूठे केस में दलितों को फंसाकर उन्हें परेशान किया जा रहा है. उदित राज का ये बयान ऐसे वक्त आया है जब बीजेपी के 4 और दलित सांसदों ने ऐसे ही आरोप लगाए हैं. यहां पढ़ें क्या बोले उदित राज