नई दिल्ली: कोरोना का प्रकोप पूरी दुनिया में तेजी से फैलता जा रहा है. ऐसे में अब तक किसी भी देश ने लॉकडाउन को खोला नहीं है. देश में जानलेवा कोरोना वायरस के मद्देनज़र जारी लॉकडाउन को लेकर तीन मई से पहले फैसला लिया जाएगा. आज देश के राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक थी. जहां पीएम मोदीन ने कहा कि कोविड-19 से निपटने के साथ ही अर्थव्यवस्था को भी महत्व देना होगा. उन्होंने मुख्यमंत्रियों से तीन मई को लॉकडाउन के दो चरण समाप्त होने के बाद आगे की योजना बनाने को कहा तथा आगाह किया कि खतरा जल्द टलने वाला नहीं है. उधर, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पिछले 24 घंटे में देश में कोविड-19 के 60 रोगियों की मौत हो गई.

हालांकि, अधिकारियों की इस घोषणा से थोड़ी राहत मिली है कि भारत के 85 जिलों में पिछले दो सप्ताह में कोरोना वायरस का एक भी संक्रमण का मामला सामने नहीं आया है और पूर्वोत्तर के पांच राज्य वायरस के प्रकोप से पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं. इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देशभर में संक्रमण के कुल मामले 28,000 के आंकड़े को पार कर गए हैं, वहीं अब तक कम से कम 886 लोगों की मौत हो चुकी है. अनेक राज्यों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 6362 रोगियों को अस्पतालों से छुट्टी मिलने के बाद संक्रमण से मरीजों के उबरने की दर 22 प्रतिशत से अधिक हो गई है.

राष्ट्रीय स्तर पर आंकड़े बताते हैं कि कुछ महानगर देश के अन्य कई हिस्सों की तुलना में इस घातक वायरस के प्रकोप को ज्यादा झेल रहे हैं और इनमें से केवल तीन शहरों- मुंबई, दिल्ली और अहमदाबाद में देश के कुल मामलों के एक तिहाई मामले हैं. देश भर में कोविड-19 से मौत के करीब 40 प्रतिशत मामले अकेले इन तीन महानगरों में हैं.

प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में बातचीत करने वाले नौ मुख्यमंत्रियों में से कम से कम पांच ने लॉकडाउन को तीन मई से आगे बढ़ाने की वकालत की, वहीं कुछ ने कुछ छूट की भी जरूरत बताई.

लॉकडाउन के दूसरे चरण के अंतिम सप्ताह में प्रवेश करते हुए मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोरोना वायरस के खिलाफ देशव्यापी अभियान को जारी रखने के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर भी समान रूप से ध्यान देने को जरूरी बताया.