गुड़गांव में अपने तरह का अनोखा मामला सामने आया है. एक पहले से शादीशुदा शख्स एक पहले से शादीशुदा महिला के साथ लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रहा है और दोनों ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में अपने परिवार से सुरक्षा की गुहार लगाई है. दोनों के परिवार इस लिव इन रिलेशनशिप का विरोध कर रहे हैं. हाईकोर्ट ने इस संबंध में गुड़गांव पुलिस को नोटिस भेजकर उससे जवाब मांगा है. महिला का परिवार इस रिश्ते से नाखुश है और वह जोड़े को धमकी दे रहा है. लिव इन रिलेशन में रहने वाले कपल के वकील ने याचिका में कहा है कि लिव इन रिलेशन में रहने वाले दोनों लोग अन्य के साथ शादी में बंध चुके हैं, इसलिए दोनों के जीवन को ज्यादा खतरा है. हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया है और अब इसकी अगली सुनवाई के लिए 27 जुलाई का समय दिया है. जस्टिस जे एस पुरी ने इस संबंध में नोटिस जारी किया है. 
 
गुड़गांव में लिव इन रिलेशन में रहता है कपल 
याचिकाकर्ता 29 साल की ओपिशा और 49 साल के शब्बीर हैं. दोनों गुड़गांव के सोहना में साथ में रह रहे हैं. दोनों पहले से अन्य के साथ शादी कर चुके हैं. महिला ने याचिका में अपने पति का नाम मेंशन किया है जबकि पुरुष ने अपनी पत्नी का नाम नहीं लिखा है. कपल के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि दोनों लोग बड़े हैं और दोनों के बीच में अच्छी समझदारी है. दोनों सिर्फ इतना चाहते हैं कि उनकी लिव इन रिलेशन को मान्यता मिल जाए. इसलिए कपल ने तत्काल हाईकोर्ट में याचिका डाली है और तत्काल राहत की मांग की है. कपल चाहता है कि गुड़गांव पुलिस उनके रिश्तेदारों से जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा करें ताकि अनावश्यक उनका परिवार उन्हें उत्पीड़न न करें. 


जान और स्वतंत्रता का खतरा  
महिला याचिकाकर्ता के मुताबिक पुरुष याचिकाकर्ता के साथ उनका बहुत लंबे समय से संबंध है. इसके बाद दोनों ने लिव इन रिलेशन में रहने का फैसला किया. याचिकाकर्ता का कहना  है कि परिवार की महिला सदस्य परेशान करने में ज्यादा आक्रामक है इसलिए उनकी जान और स्वतंत्रता का खतरा है. महिला ने यह भी कहा है कि वह अपने परिवार को यह सूचना दे चुकी है कि वह याचिकाकर्ता पुरुष के साथ रहना चाहती हैं, इसलिए वह परिवार का घर छोड़कर आ चुकी है. दोनों कहते हैं कि उन्होंने अपने परिवार को बहुत समझाने की कोशिश की, इसके बावजूद दोनों का परिवार अंजाम भुगतने की धमकी दे रहा है. दोनों ने परिवार पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस संबंध में गुड़गांव पुलिस को 21 जून को आवेदन दिया लेकिन उन्होंने किसी तरह की सुरक्षा प्रदान नहीं की. 


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