Manmohan Singh Death: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार (26 दिसंबर) को 92 साल की उम्र में एम्स में निधन हो गया. तबीयत बिगड़ने के बाद गुरुवार शाम को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्होंने गुरुवार रात 9.51 बजे अंतिम सांस ली. मनमोहन सिंह साल 2004 से 2014 तक दो बार प्रधानमंत्री रहे थे. उनकी गिनती देश के बड़े अर्थशास्त्रियों में होती थी.

उनके निधन पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने शोक जताया है. उन्होंने कहा, "मैं उन्हें हमेशा एकमात्र ऐसे प्रधान मंत्री के रूप में याद रखूंगा जिन्होंने अल्पसंख्यकों और पिछड़े वर्गों सहित भारत के हाशिये पर पड़े लोगों के उत्थान के लिए गंभीर प्रयास किए."

'अल्पसंख्यकों और पिछड़े वर्गों के लिए प्रयास'

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया पर लिखा, "डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बारे में सुनकर सचमुच दुख हुआ. एक विभाजनकारी शरणार्थी, जो आगे चलकर आरबीआई गवर्नर, वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री बने. उनकी कहानी अद्भुत है. मैं उन्हें हमेशा एकमात्र ऐसे प्रधान मंत्री के रूप में याद रखूंगा, जिन्होंने अल्पसंख्यकों और पिछड़े वर्गों सहित भारत के हाशिये पर पड़े लोगों के उत्थान के लिए गंभीर प्रयास किए. उनके परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों के प्रति मेरी संवेदनाएं.

 

2004 बने थे प्रधानमंत्री

मनमोहन सिंह 1998 से 2004 तक विपक्ष के नेता भी रहे. हालांकि, साल 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मिली जीत के बाद उन्होंने देश के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. उन्होंने यूपीए-1 और 2 में प्रधानमंत्री का पद संभाला था.उन्होंने पहली बार 22 मई 2004 और दूसरी बार 22 मई 2009 को प्रधानमंत्री के पद की शपथ ली थी.डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पश्चिमी पंजाब के गाह में हुआ था, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है. उनके पिता का नाम गुरमुख सिंह और मां का नाम अमृत कौर था.उन्होंने साल 1958 में गुरशरण कौर से शादी की थी. उनकी तीन बेटियां भी हैं, जिनका नाम उपिंदर सिंह, दमन सिंह और अमृत सिंह हैं.

लालू प्रसाद यादव ने भी जताया दुख

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर शोक जताया. पूर्व पीएम की ईमानदारी को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने देश की निस्वार्थ भाव से सेवा की.राजद अध्यक्ष ने कहा कि मनमोहन सिंह का यूं चले जाना बहुत बड़ी क्षति है. वह ईमानदार और निस्वार्थ नेता थे. उन्होंने देश के विकास में निस्वार्थ रूप से काम किया. हर क्षेत्र में भारत का मस्तक ऊंचा किया. वो एक ऐसे नेता थे जिन पर कोई आरोप नहीं था.