Manish Sisodia Remark on CBI Officer Death: केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के उस बयान को 'शरारती और भ्रामक' करार दिया है, जिसमें उन्होंने दावा किया कि एक सीबीआई अधिकारी जितेंद्र कुमार (Jitendra Kumar) ने उनके खिलाफ फर्जी केस तैयार करने के दबाव के चलते आत्महत्या (Suicide) कर ली. सीबीआई के मुताबिक, सिसोदिया दिल्ली आबकारी नीति मामले (Delhi Excise Policy Case) में मौजूदा जांच से ध्यान हटाने का प्रयास कर रहे हैं. 

सीबीआई ने एक बयान में कहा, ‘‘सीबीआई सिसोदिया के इस शरारती और भ्रामक बयान का कड़ा खंडन करती है. यह स्पष्ट किया जाता है कि अधिकारी दिवंगत जितेंद्र कुमार इस मामले की जांच से किसी भी तरह से जुड़े नहीं थे.’’

सीबीआई ने क्या कहा?

सीबीआई के बयान में कहा गया, ‘‘वह अभियोजन के प्रभारी उप कानूनी सलाहकार थे, इसके तहत वह उन अभियोजकों की निगरानी कर रहे थे, जो दिल्ली में पहले से ही आरोप-पत्र दाखिल हो चुके मुकदमों की सुनवाई में शामिल हो रहे हैं.’’ सीबीआई ने कहा कि मौत के मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस के अनुसार अधिकारी ने अपने ‘सुसाइड नोट’ में अपनी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया.

सीबीआई ने कहा, ‘‘आबकारी नीति मामले की जांच की जा रही है. ऐसे में किसी भी आरोपी को क्लीन चिट नहीं दी गई है. सिसोदिया का शरारती और भ्रामक बयान दिल्ली आबकारी नीति मामले में मौजूदा जांच से ध्यान भटकाने की कोशिश है, साथ ही अधिकारी की मौत की जांच की कार्यवाही में हस्तक्षेप के समान है.’’ सीबीआई ने 19 अगस्त को दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं पर एफआईआर दर्ज करने के बाद सिसोदिया के आवास सहित 31 स्थानों पर छापेमारी की थी.

क्या कहा मनीष सिसोदिया ने?

मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीबीआई अधिकारी की मौत को लेकर कहा, ''दो दिन पहले सीबीआई के एक अधिकारी ने सुसाइड किया और उसकी पूरी खबर मीडिया ने भी दिखाई थी. उनके बारे में पता चला है कि जिस सीबीआई अधिकारी ने सुसाइड किया था वो जितेंद्र कुमार जी थे. डिप्टी लीगल एडवाइजर, ये सीबीआई के एंटी करप्शन ब्रांच में लीगल एडवाइजर थे. इनका काम था लीगली चीजों को अप्रूव करना, उनको रिजेक्ट करना, उनकी सारी लीगलिटी को देखना और मेरे खिलाफ जो फर्जी एफआईआर कराई गई है, एक्साइज केस के मामले में, उसका भी लीगल मामला वही देख रहे थे. पता ये चला है कि उनके ऊपर दबाव डाला जा रहा था कि मेरे खिलाफ गलत तरीके से केस बनाकर मुझे अरेस्ट कराने की लीगल मंजूरी दें. वो मंजूरी नहीं दे रहे थे. उनके ऊपर इतना दबाव था कि वो मानसिक दबाव में आ गए और उन्होंने सुसाइड कर लिया. ये बहुत दुखद घटना है.''

सिसोदिया ने दिवंगत सीबीआई अधिकारी के परिवार के संवेदना जताई. इसी के साथ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. सिसोदिया ने कहा, ''मैं आज प्रधानमंत्री को भी कहना चाहता हूं कि आप मुझको फंसाना चाहते हैं फर्जी तरीके से, फंसा लीजिए. आप मेरे ऊपर रेड कराना चाहते थे, आपनी रेड करा ली. आप फर्जी एफआईआर करा चुके मेरे ऊपर, आप मुझे अरेस्ट कराना चाहते हैं, आप बता दीजिए जहां कहोगे मैं आ जाऊंगा लेकिन इस तरह से अधिकारियों के ऊपर दबाव बनाकर उन्हें फांसी लगाने पर, उन्हें आत्महत्या करने पर मजबूर मत करिये, इससे घर उजड़ रहा है. ये ठीक नहीं है.''

सिसोदिया ने पीएम मोदी से पूछे ये सवाल

सिसोदिया ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए आगे कहा, ''आप हर वक्त यही सोचते रहते हैं मैं सीबीआई का इस्तेमाल कैसे करूं, मैं ईडी का इस्तेमाल कैसे करू, मैं चुनी हुई सरकारों को कैसे गिराऊं, चुने हुए एमएलए को कैसे खरीदूं. आप स्कूल बनाने पे कब सोचेंगे?'' इसी के साथ सिसोदिया ने पीएम मोदी से तीन पूछे. पहला- अधिकारियों पर इतना दबाव क्यों बनाया जा रहा है कि वो आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर मजबूर हों? दूसरा सवाल- क्या भारत की केंद्र सरकार का काम केवल ऑपरेशन लोटस चलाना रह गया है? और तीसरा सवाल- जनता की चुनी हुई सरकारों को कुचलने के लिए और कितनी कुर्बानियां आप लेंगे? सिसोदिया ने कहा, ''देश में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ, उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मेरे सवालों को गंभीरता से लेंगे और इस पर सोचेंगे.''

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