गुजरात के स्कूलों में भगवत गीता पढ़ाए जाने को लेकर विवाद शुरू हो चुका है. यहां छठी से लेकर 12वीं कक्षा के सिलेबस में भगवत गीता पढ़ाई जाएगी. गुजरात सरकार ने नई शिक्षा नीति में इस बात की जानकारी दी है. अब इसे लेकर दिल्ली के शिक्षा मंत्री और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि इनके कर्म रावण वाले हैं और भगवत गीता की बात कर रहे हैं.
सिसोदिया बोले - पहले जीवन में करें गीता का अनुसरणहालांकि मनीष सिसोदिया ने इस फैसले का कोई विरोध नहीं किया, बल्कि इसकी सराहना की है. उन्होंने कहा कि, मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं ये एक अच्छा फैसला है. लेकिन जो लोग इसे लेकर आए हैं, उन्हें पहले अपने जीवन में गीता का अनुसरण करना चाहिए. उसके बाद ही ऐसा कोई फैसला लेना चाहिए.
गुजरात सरकार ने दिया ये तर्कबता दें कि गुजरात सरकार की तरफ से गीता को पढ़ाए जाने का फैसला लिया गया है. जिसमें बताया गया है कि भगवत गीता के मूल्यों और सिद्धांतों को बच्चों को सिखाया जाएगा. सरकार की तरफ से तर्क दिया गया है कि इससे बच्चों को अपनी संस्कृति को जानने का मौका मिलेगा. साथ ही इसके लिए श्लोक ज्ञान, साहित्य और इसी तरह के अन्य कॉम्पिटिशन भी आयोजित कराए जाएंगे. जिससे बच्चों की दिलचस्पी और ज्यादा बढ़े. गुजरात सरकार की तरफ से ये कदम चुनावों से कुछ ही महीने पहले उठाया गया है, इसीलिए विपक्षी दल अब सरकार की नीयत पर सवाल खड़े कर रहे हैं. गुजरात में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव हो सकते हैं.
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