Manipur Violence: मणिपुर में दो गुटों में शुरू हुई हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. मई के दूसरे हफ्ते में शुरू हुई हिंसा अब इस हद तक पहुंच चुकी है कि भीड़ हाथ में कुल्हाड़ी, डंडे, और गुलेल लेकर पुलिस थानों तक पर हमला कर दे रही है और वहां से हथियारों को लूट कर लेकर चली जा रही है. 

मणिपुर पुलिस ने इस घटना को लेकर एफआईआर दर्ज कराई है, और बताया है कि लगभग 10 हजार से अधिक महिलाओं-पुरुषों ने हाथ में कुल्हाड़ी, तलवार और गुलेल लेकर पुलिस थाने के शस्त्रागार (वह जगह जहां हथियार रखे जाते हैं) में रखे महत्वपूर्ण हथियार जैसे कि रायफल, कर्बाइन लूट लिए हैं.

हिंदुस्तान टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक हिंसा शुरू होने के बाद से खबर लिखे जाने तक मणिपुर पुलिस ने ऐसी 22 घटनाओं की एफआईआर दर्ज कराई है जिसमें पुलिस ने अपने ऊपर हमला होने और हथियार लूटे जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई है. स्थानीय नागरिकों का कहना है कि हिंसा के हालात ऐसे हैं कि राज्य में पुलिस ही नहीं सुरक्षित है तो फिर आम लोगों की स्थिति का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.

क्या कर रही है राज्य सरकार? बीते रविवार को मई से चल रही हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के सीएम मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने सोमवार (19 जन) को लोगों को चेतावानी देते हुए कहा कि अगर उन्होंने राज्य में हिंसा बंद नहीं की तो, उन्हें परिणाम भुगतने होंगे. सिंह ने पत्रकारों के जरिए संदेश देते हुए कहा, इस हिंसा को बंद कर दीजिए वरना, परिणाम भुगतने होंगे. मैं  हथियार थामे मेइती लोगों से अपील करता हूं कि वे किसी पर हमला न करें और शांति बनाए रखें, ताकि हम राज्य में सामान्य हालात बहाल कर सकें.

मणिपुर के इंफाल वेस्ट जिले में रविवार देर रात 11 बज कर करीब 45 मिनट पर अज्ञात लोगों ने बिना उकसावे के गोलीबारी शुरू कर दी जिसमें सेना का एक जवान चोटिल हो गया.एक अधिकारी ने बताया कि जवान को लीमाखोंग के सैन्य अस्पताल ले जाया गया और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है. अधिकारी के अनुसार, घटना लीमाखोंग (चिंगमांग) के कांतो सबाल गांव में घटी. घटना के बाद सेना के जवानों ने इलाके में ग्रामीणों की उपस्थिति का ध्यान रखते हुए सीमित गोलीबारी की.

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