Manipur Violence News: मणिपुर में 3 महीने से ज्यादा समय से जारी जातीय हिंसा के बीच देश का सबसे पुराना अर्द्धसैनिक बल असम राइफल्स (Assam Rifles) पर विवाद शुरू हो गया है. विरोध ऐसा है कि राज्य के दो प्रमुख समुदाय मैतेई और कुकी एक दूसरे के सामने हैं. दोनों समुदाय के विधायकों ने असम राइफल्स को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. मैतेई और कुकी विधायकों ने ये पत्र अलग-अलग लिखा है और दोनों की मांग भी अलग-अलग है.


जातीय हिंसा से ग्रस्त मणिपुर में सेना और दूसरे केंद्रीय बलों के साथ असम राइफल्स की तैनाती की गई है. राज्य में 3 मई को आदिवासी समुदाय की रैली के बाद जातीय हिंसा भड़क गई थी. ये रैली राज्य में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने के हाई कोर्ट के आदेश के बाद निकाली गई थी. 


मैतेई विधायकों ने लिखा था पीएम को पत्र


प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में 40 विधायकों (अधिकांश मैतेई) ने जातीय हिंसा के दौरान तैनात असम राइफल्स को राज्य से हटाने की मांग की. 40 विधायकों के पत्र में कहा गया है कि असम राइफल्स को उनकी वर्तमान तैनाती वाली जगहों से हटाया जाए और उनकी जगह राज्य में सुरक्षा और स्थिरता बहाल करने के लिए राज्य सुरक्षा बलों के साथ विश्वसनीय केंद्रीय बलों की तैनाती की जाए.


कुकी विधायकों ने की न हटाने की मांग


अब 10 कुकी विधायकों ने भी प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है और केंद्र सरकार से असम राइफल्स को न हटाने की अपील की है. कुकी विधायकों ने कहा है कि ऐसा होने से राज्य में आदिवासी समुदाय की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी.


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कुकी विधायकों ने पत्र में कहा कि असम राइफल्स के कर्मी दो युद्धरत समुदायों के बीच बफर जोन बनाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं. प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन में विधायकों ने कहा कि भारत का सबसे पुराना अर्धसैनिक बल असम राइफल्स अपनी स्थापना के बाद से ही देश की आंतरिक और बाहरी रक्षा में योगदान कर रहा है.


पीएम मोदी से हस्तक्षेप की अपील


आदिवासी विधायकों ने कहा कि अब तक, असम राइफल्स मणिपुर में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बीएसएफ, आईटीबीपी, आरएएफ, सीआरपीएफ आदि जैसे अन्य केंद्रीय बलों के साथ संयुक्त रूप से कड़ी मेहनत कर रही है. उन्होंने कहा, "हम, मणिपुर के 10 आदिवासी विधायक विनम्रतापूर्वक आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं और आपके आशीर्वाद व तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध करते हैं."


ये भी पढ़ें


Manipur Violence: असम राइफल्स के जवानों के खिलाफ FIR का मणिपुर ऑपरेशन पर नहीं होगा असर, सेना की सख्त टिप्पणी