Congress On Manipur Violence: कांग्रेस ने मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी से शनिवार (17 जून) को कई सवाल करते हुए कहा कि 10 विपक्षी दल उनसे मिलना चाहते हैं. 

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि कांग्रेस, जनता दल यूनाइटेड, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, तृणमल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना (यूबीटी) और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) की मणिपुर इकाइयों के नेताओं ने 10 जून को ईमेल के माध्यम से लेटर भेजकर और फिर 12 जून को प्रधानमंत्री कार्यालय में पत्र सौंपकर मिलने का समय मांगा है. 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश कहा, ‘‘मणिपुर में विपक्ष की समान विचार वाली 10 पार्टियों के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना चाहते हैं. आशा है कि प्रधानमंत्री विदेश यात्रा के लिए रवाना होने से पहले इन नेताओं से मिलेंगे. ये लोग 20 जून तक यहीं रहेंगे.’’

अटल बिहारी वाजपेयी का किया जिक्र जयराम रमेश ने कहा कि 22 साल पहले भी मणिपुर जल रहा था और उस समय सभी पार्टियों ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मिलने का आग्रह किया था. इसके बाद सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल वाजपेयी से दो बार मिला था. 

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने आगे कहा कि यह बिल्कुल साफ है कि राज्य सरकार पूरी तरह विफल है और उससे कोई उम्मीद नहीं है. अब मणिपुर के लोगों को सिर्फ केंद्र और पीएम नरेंद्र मोदी से उम्मीद है. 

बीजेपी और आरएसएस का किया जिक्रजयराम रमेश ने आरोप लगाया कि मणिपुर की मौजूदा स्थिति के लिए बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा जिम्मेदार है. इस दौरान मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने कहा कि हमने ज्ञापन तैयार किया है. हम राजनीति करने के लिए नहीं आए हैं. हम पीएम मोदी से सिर्फ यह आग्रह करना चाहते हैं कि पहले मणिपुर में सामान्य स्थिति सुनिश्चित की जाए और फिर दो समुदायों के बीच बातचीत शुरू की जाए. 

मणिपुर में हिंसा कब से शुरू हुई?मणिपुर में हो रही हिंसा में 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. बता दें कि राज्य में मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद ये झड़पें शुरू हुई थीं. 

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