नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले केंद्रीय कैबिनेट का विस्तार और फेरबदल हो गया है. मंत्रिमंडल में कुल 15 कैबिनेट मंत्री और 28 राज्य मंत्रियों को शपथ दिलाई गई. पीएम मोदी की नई टीम ने अपना कार्यभार संभाल लिया है. हालांकि ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि कैबिनेट विस्तार में पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के बेटे वरुण गांधी को भी जगह मिल सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब मेनका गांधी का बयान सामने आया है.


दो दिवसीय सुल्तानपुर दौरे के दौरान मेनका गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "हम 600-650 के करीब सांसद हैं, ऐसे में प्रधानमंत्री कितनों को जगह दे सकते हैं. जिन्हें जगह मिली वो सही है." 


मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान मेनका गांधी के पास बाल-विकास मंत्रालय था. लेकिन दूसरे कार्यकाल में उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली. यूपी में अगले साल के शुरुआत में विधानसभा चुनाव है. ऐसे में यूपी कोटे से सात नेताओं को मंत्री पद दिया गया है. लेकिन मेनका गांधी या वरुण गांधी को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली


मंत्रिमंडल विस्तार में यूपी पर सबसे ज्यादा जोर
उत्तर प्रदेश में साल 2022 में विधानसभा के चुनाव होने हैं और यह चुनाव बीजेपी के लिए काफी महत्वपूर्ण है इसीलिए मंत्रिमंडल विस्तार में यूपी को सबसे ज्यादा तवज्जो दी गई. इस विस्तार में चुनाव से पहले जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने की कोशिश की गई.


यूपी के जिन सात मंत्रियों को शामिल किया गया है उनके चयन में जातिगत समीकरण को साधते हुए अगले साल के शुरू में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव को भी ध्यान में रखा गया है. राज्य से जो नए केंद्रीय मंत्री बनाए गए हैं उनमें से तीन का संबंध पिछड़े वर्ग, तीन का दलित समूह है जबकि एक ब्राह्मण समुदाय से है. इन सात चेहरों में से केवल एक सहयोगी दल का है और शेष बीजेपी के ही सांसद हैं.


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