Suvendu Adhikari on Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल विधानसभा से नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी समेत 4 बीजेपी विधायकों को सोमवार (17 फरवरी, 2025) को सस्पेंड कर दिया गया. इनमें सुवेंदु अधिकारी के अलावा अग्निमित्रा पॉल, विश्वनाथ कारक और बीजेपी विधायक बंकिम घोष शामिल हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी विधायकों को 30 दिनों के लिए सस्पेंड किया गया है. ये कार्रवाई बीजेपी द्वारा उठाए गए एक प्रस्ताव के बाद की गई, जिसमें आरोप लगाया गया था कि राज्य में सरस्वती पूजा की अनुमति नहीं है.

कितनी बार बीजेपी विधायकों को किया गया है सस्पेंड  नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने इस मामले को लेकर ममता सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'विधानसभा अध्यक्ष किसी काम के नहीं हैं. ममता बनर्जी खुद सदन में नहीं आती और जब हम विधानसभा में नहीं आते तो हम पर नजर रखी जाती है. सदन में जब हम आते हैं तो वो खुद गायब हो जाती हैं.' उन्होंने आगे कहा, 'ऐसा चौथी बार हुआ है. जब बीजेपी विधायकों को सस्पेंड किया गया है. 2022 में चार-महीने सस्पेंड किया गया. उसके बाद फिर एक महीने के लिए, फिर दो महीने कुल मिलाकर 8 महीने हम लोगों को सदन से बाहर रखा गया.

ममता बनर्जी को बताया हिंदू विरोधी सरकारममता सरकार पर निशाना साधते हुए सुवेंदु अधिकारी ने कहा, 'सदन में हम ही एकमात्र विपक्ष हैं और हमको भी सदन में नहीं रहने दिया जा रहा. हम हिंदुओं के वोटों से जीतकर आए हैं इसलिए हम उनकी आवाज उठाते रहेंगे. ये हिंदू विरोधी सरकार है. ममता सरकार सिर्फ अल्पसंख्यकों के लिए काम करती है.'

सरस्वती पूजा को लेकर सदन में हुई गहमागहमीबीजेपी विधायक अग्निमित्रा पॉल के नेतृत्व में महिला विधायक सरस्वती पूजा में 'बाधा' पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव लाई थीं, लेकिन स्पीकर बिमान बनर्जी ने इस मामले पर बहस की अनुमति नहीं दी,जिसके बाद बड़ा हंगामा हुआ. बीजेपी विधायक विधानसभा से बाहर चले गए. बनर्जी ने कहा, 'टीएमसी विधायक निर्मल घोष ने एक प्रस्ताव पेश किया था और जिस तरह से विपक्षी नेता ने मेरी कुर्सी पर दस्तावेज फेंके, वो बहुत निंदनीय है. घोष ने प्रस्ताव रखा कि उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए. एक मतदान हुआ जिसके आधार पर बीेजेपी विधायकों को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया.

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