त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने मंगलवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी को नैतिक रूप से जिम्मेदारी लेते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहिए. ममता बनर्जी हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में नंदीग्राम सीट से चुनाव हार गई हैं. बीजेपी के शुभेंन्दु अधिकारी ने उन्हें हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की. पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा के बाद देब ने दावा किया कि बीजेपी भले कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव हार गई लेकिन कई लोग बिना चुनाव लड़े ही मुख्यमंत्री बन गए. उन्होंने कहा कि लोगों ने ममता बनर्जी को नहीं चुना और इस आधार पर उन्हें नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए खुद को मुख्यमंत्री पद से दूर रखना चाहिए.


देब ने कहा, "अब ममता बनर्जी को शक है कि उनकी हार के पीछे कोई साजिश थी. अगर हार एक साजिश है, तो चुनाव में जीत के पीछे भी एक साजिश हो सकती है." त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने आगे कहा, "टीएमसी की जीत के बाद बंगाल में हिंसा हो रही है. कम से कम पांच बीजेपी कार्यकर्ता मारे गए हैं. टीएमसी समर्थित गुंडों द्वारा हमारे कार्यकर्ताओं के घरों पर हमला किया जा रहा है.


मोमबत्ती जलाकर विरोध जताएंगे बीजेपी कार्यकर्ता


देब ने टीएमसी सुप्रीमो से अपने समर्थकों को हिंसा से बचने और राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने का निर्देश देने का भी आग्रह किया. उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में बीजेपी समर्थक भी पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा का विरोध करेंगे और प्रत्येक बीजेपी कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करते हुए बुधवार शाम 7 बजे अपने घर पर पांच छोटी मोमबत्तियां जलाएगा. देब ने जोर देकर कहा कि बीजेपी का वोट शेयर सभी पांच राज्यों में बढ़ा है और सीटों की संख्या भी पश्चिम बंगाल में 3 से बढ़कर 77 हो गई है, जिससे हमारी पार्टी राज्य विधानसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई है. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा असम में सत्ता में आई थी, लेकिन राजनीतिक हिंसा की एक भी घटना नहीं हुई थी. 


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