कोलकाताः ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के भतीजे अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) फिर सुर्खियों में हैं. अभिषेक बनर्जी अभी पार्टी के युवा विंग के अध्यक्ष थे. लेकिन ‘एक नेता एक पद’ की पॉलिसी को देखते हुए उन्होंने युवा विंग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया. दरअसल, लगातार तीसरी बार जीत दर्ज करने के बाद तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी ने अपने भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी को TMC का राष्ट्रीय महासचिव बनाया.
पश्चिम बंगाल में 2021 विधानसभा चुनाव से पहले ज्यादातर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने पार्टी छोड़ते समय अभिषेक पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा था कि पार्टी अब वंशवाद की शिकार हो गई है. अभिषेक इस पार्टी में अघोषित तौर पर नंबर दो हैं. 3 मई, 2021 को एक ट्वीट में, तृणमूल सांसद और पार्टी के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने अभिषेक को भावुक और समर्पित करार दिया.
विधानसभा चुनावों में बीजेपी अभिषेक बनर्जी पर साधती रही निशानाबीजेपी बंगाल चुनावों में ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी पर निशाना साधती रही हैं. उसका कहना था कि तृणमूल के जो नेता पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं, उसकी वजह ममता बनर्जी के भतीजे हैं. चुनाव से पहले अभिषेक की पत्नी और साली पर कोल स्कैम में शामिल होने का आरोप लगा. सीबीआई ने उनसे पूछताछ की.
अभिषेक की तृणमूल में अघोषित तौर पर नंबर दो की पोजिशनतृणमूल में अब अभिषेक काफी ताकतवर हैं, उन्हें अघोषित तौर पर तृणमूल में नंबर दो कहा जा रहा है. बंगाल में विपक्षी पार्टियां अभिषेक पर हमेशा से कई तरह के आरोप लगाती रही हैं. वह डायमंड हार्बर से तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं. 33 वर्षीय अभिषेक पिछले 10 सालों से आल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की यूथ विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे.
बचपन से ही ममता के पास रहेअभिषेक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बड़े भाई अजित के बेटे हैं. वह बचपन से ही ममता के पास रहे हैं. बंगाल में कहा जाता है कि वो दीदी के चहेते हैं. ममता चाहती हैं कि आने वाले समय में वह पार्टी में उनकी जगह लें. हालांकि, इसे लेकर तृणमूल कांग्रेस के सीनियर लीडर्स ने नाखुशी भी जाहिर की है. अभिषेक ने चुनाव आयोग में अपनी संपत्ति 1.5 करोड़ घोषित की है, लेकिन वह काफी शानदार जिंदगी जीते हैं.
कोलकाता के कालीघाट में है अभिषेक का आलीशान घरकोलकाता के कालीघाट में अभिषेक का आलीशान घर है. बताते हैं कि इस घर में सारी सुख सुविधाएं मौजूद हैं. विपक्षी इस आलीशान घर को भी लेकर ममता पर निशाना साधते रहे हैं कि वह खुद तो साधारण घर में रहने का दिखावा करती हैं और उनका भतीजा इतने बड़े घर में रहा है, जिसकी काफी पुख्ता सुरक्षा रहती है. उन पर ये आरोप भी लगा है कि उन्होंने इस घर के बगल में अवैध तौर पर हैलीपैड बनवा रखा है.
वर्ष 2014 के चुनाव में अभिषेक बनर्जी की उम्र को लेकर भी विवाद हुआ था. उनकी शुरुआती पढाई कोलकाता के बिरला स्कूल से हुई. इसके बाद उन्होंने इंडियन इंस्टीट्य़ूट ऑफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट से डिग्री ली. वह लोकसभा में सबसे युवा सांसदों में गिने जाते हैं. एक सांसद के तौर पर वह संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रम में भी शिरकत कर चुके हैं.
विरोधी दल अभिषेक पर बंगाल में सिंडिकेट के जरिये मोटी कमाई के लगाते रहे हैं आरोप अभिषेक पर आरोप लगता रहा है कि पूरे बंगाल में ममता सरकार की ओर से स्वीकृत सफेद और नीले रंग का पेंट उन्हीं की फैक्ट्री से आता है. इससे वह मोटी कमाई करते हैं. इसके अलावा विरोधी दल उन पर बंगाल में सभी तरह के सिंडिकेट के जरिये उनकी मोटी कमाई की बात करते रहे हैं. इसीलिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने चुनावी रैली में उन पर बंगाल में भ्रष्टाचार फैलाने का आरोप लगाया है.
भाषणों में ममता की कॉपी वह अपने भाषणों में ममता की कॉपी करते हैं. काफी हद तक उन्हीं की तरह बोलते हैं. वह अपने चुनाव क्षेत्र के लोगों से मिलते-जुलते रहते हैं. उन्हें आमतौर पर ऊंची पार्टियों में नहीं देखा जाता. माना जाता है कि वह सोशलाइट नहीं हैं, बल्कि एक लो प्रोफाइल जिंदगी जीते हैं. उनके पिता अजीत बंगाल में कई खेल संघों के पदाधिकारी हैं. इसमें पश्चिम बंगाल ओलंपिक संघ शामिल है, जिसमें वह अध्यक्ष हैं. वह खिलाड़ी भी रह चुके हैं.
पत्नी और साली के कोल माफिया से रिश्ते होने के की खबरें भी सुर्खियां बनींकुछ साल पहले दमदम एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग ने उनकी पत्नी को रोक लिया था. तब ये कहा गया था कि कस्टम को उनके पास से सोना मिला था. हालांकि, अभिषेक ने इसका खंडन किया, लेकिन इसे लेकर बड़ा विवाद जरूर खड़ा हो चुका है. हाल ही में अभिषेक की पत्नी और साली के रिश्ते कोल माफिया से होने के चलते घोटाले की खबरें सुर्खियां बनीं. सीबीआई ने उनसे पूछताछ भी की. हालांकि तृणमूल ने इसको बीजेपी का चुनाव से पहले सीबीआई के जरिए दबाव डालने की हरकत और दुरूपयोग बताया.
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