नई दिल्ली: बीजेपी ने शनिवार को कहा कि विजय माल्या को मुंबई की एक अदालत के जरिए भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) घोषित किया जाना भ्रष्टाचार के खिलाफ पार्टी की लड़ाई में एक कामयाबी है. माल्या पर कर्ज नहीं चुकाने और मनी लांड्रिंग का आरोप हैं. माल्या ऐसा पहला उद्योगपति है जिसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत एफईओ घोषित किया गया है. यह कानून पिछले साल अगस्त में लाया गया था.
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कानून को वर्तमान एनडीए सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए लायी थी कि माल्या जैसे भगोड़ों को न्याय के दायरे में लाया जा सके. उन्होंने कहा, "माल्या कांग्रेस सरकार की सरपरस्ती में फला फूला. उसके दिवालिया होने के बावजूद उसे कर्ज दिये गए और उसके कर्ज के भुगतान की शर्तें भी बदली गईं. वह देश का 9000 करोड़ रुपये लेकर भाग गया." बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, "यह (माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जाना) बीजेपी की भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक कामयाबी है."
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प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई में मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) की अदालत से माल्या को भगोड़ा घोषित करने तथा उसकी संपत्तियों को जब्त करने और उन्हें केन्द्र सरकार के नियंत्रण में लाने का अनुरोध किया था. माल्या फिलहाल ब्रिटेन में है. विशेष न्यायाधीश एम एस आजमी ने माल्या के वकील तथा ईडी के वकील की व्यापक दलीलें सुनने के बाद माल्या को कानून की धारा 12 के तहत एफईओ घोषित किया.
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