संसद में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर मंगलवार को जोरदार हंगामा हुआ. विपक्ष ने नियम 267 के तहत बाकी सभी काम रोककर तत्काल चर्चा की मांग की, जबकि सरकार ने कहा कि वह चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्ष समय सीमा थोपने की कोशिश न करे.
खरगे की मांग- 'SIR पर अभी चर्चा शुरू करो'राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि संसद में अन्य कार्यों को स्थगित कर SIR पर तुरंत चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने दावा किया कि SIR के लगातार दबाव के चलते देश में अब तक 28 BLO (ब्लॉक स्तर के अधिकारी) की मौत हो चुकी है. खरगे ने कहा, यह लोकतंत्र और नागरिकों के हित का सवाल है, चर्चा अभी होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा, '267 के तहत ही इस गंभीर मुद्दे पर चर्चा हो सकती है.'
विपक्ष की नारेबाजी, ‘SIR पर चर्चा करो’ की मांग तेजजैसे ही सदन की कार्रवाई शुरू हुई, विपक्षी सांसद सदन के वेल में आकर नारे लगाने लगे - 'SIR पर चर्चा करो', 'चर्चा अभी करो'. हंगामे के बीच वंदे मातरम् की वर्षगांठ पर भी बहस का जिक्र हुआ, जहां विपक्ष ने कहा - 'वंदे मातरम् हमारा है, किसी और का नहीं.'
सरकार ने क्या जवाब दिया?संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार SIR और चुनाव सुधारों पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष समय सीमा तय न करे. रिजिजू ने कहा, 'संसद मशीन की तरह नहीं चलती. चर्चा का समय बातचीत से तय होगा. पहले परामर्श होगा, तभी आगे बढ़ेंगे.' उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष चुनाव न जीत पाने की निराशा सदन में निकाल रहा है.
सभापति का फैसला - 267 के नोटिस खारिजसभापति ने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत 20 नोटिस मिले थे, लेकिन प्रक्रियागत त्रुटियों के कारण उन्हें स्वीकार नहीं किया गया. इस पर विपक्ष और भड़क गया और वेल में जाकर फिर नारेबाजी शुरू कर दी.
विपक्ष संग बैठक बुलाने की तैयारीसरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और रिजिजू ने विपक्ष को आश्वासन दिया कि सभी दलों की बैठक बुलाकर चर्चा का समय तय किया जाएगा. सभापति ने शून्यकाल चलाने की कोशिश की, लेकिन जिन विपक्षी सांसदों को बोलने का मौका दिया गया, उन्होंने भी केवल SIR पर चर्चा की मांग उठाई.