Congress President Election: कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में नेता विपक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने के बाद खड़गे ने कहा कि कांग्रेस के एक नेता एक पद वाले नियम के तहत उन्होंने ये कदम उठाया है. खड़गे ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है. बता दें कि उदयपुर में हुए कांग्रेस के चिंतन शिविर में ये फैसला लिया गया था कि कोई भी व्यक्ति पार्टी में दो पदों पर नहीं होगा. यानी दूसरे पद से पहले किसी भी नेता को अपने मौजूदा पद से इस्तीफा देना होगा. 


खड़गे हो सकते हैं अगले कांग्रेस अध्यक्ष 
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़के पार्टी के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष हो सकते हैं. खड़गे ने 30 सितंबर को अपना नामांकन दाखिल किया, जिसके बाद अब 17 अक्टूबर को अध्यक्ष पद का चुनाव होगा और 19 अक्टूबर को नतीजे सामने आएंगे. खड़गे का मुकाबला कांग्रेस नेता शशि थरूर से है. हालांकि खड़गे के पीछे गांधी परिवार का हाथ बताया जा रहा है, इसीलिए उनके जीतने की संभावना सबसे ज्यादा है. जब उन्होंने नामांकन किया तो उनके साथ 30 प्रस्तावक मौजूद थे. 


ये बड़े नेता बने खड़गे के प्रस्तावक
खड़गे (80) ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ नामांकन पत्रों के 14 सेट जमा किए. उनके प्रस्तावकों में अशोक गहलोत, दिग्विजय सिंह, ए के एंटनी, अंबिका सोनी, मुकुल वासनिक जैसे बड़े नेता शामिल हैं. इसके अलावा उनके प्रस्तावकों में आनंद शर्मा, पृथ्वीराज चव्हाण, मनीष तिवारी और भूपेंद्र हुड्डा जैसे नेता भी थे जो पार्टी में बदलाव की मांग उठाने वाले नेताओं के समूह जी-23 में शामिल हैं.


थरूर खुद जी-23 में शामिल रहे हैं. उन्होंने नामांकन पत्रों के पांच सेट दाखिल किए, वहीं झारखंड के पूर्व मंत्री त्रिपाठी ने कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री के समक्ष नामांकन पत्र का एक सेट दाखिल किया. जी-23 के कई नेता खड़गे का समर्थन कर रहे हैं और कई सांसदों ने भी खड़गे के कागजात पर हस्ताक्षर किए, वहीं थरूर के समर्थकों में कार्ति चिदंबरम, मोहम्मद जावेद और प्रद्युत बोरदोलोई जैसे कुछ नेता थे.


खड़गे ने दिया धन्यवाद
खड़गे ने नामांकन के बाद कहा, 'मुझे सभी नेताओं, पार्टी कार्यकर्ताओं और प्रमुख राज्यों के प्रतिनिधियों ने चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया. मैं उन सभी लोगों को धन्यवाद देता हूं जो नामांकन पत्र दाखिल करने के समय मेरे साथ थे.' जब नेताओं ने नामांकन दाखिल किए, उस समय गांधी परिवार का कोई सदस्य कांग्रेस मुख्यालय में मौजूद नहीं था और मिस्त्री ने कहा कि गांधी परिवार इस मुकाबले में तटस्थ है.


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