बेंगलुरु: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने 19 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवार के रूप में सोमवार को कर्नाटक से नामांकन पत्र दाखिल किया. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार, नेता विपक्ष सिद्धरमैया और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में विधानसभा सचिव एम के विशालक्षी के कार्यालय में नामांकन पत्र दाखिल किया, जो राज्यसभा चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी हैं.


नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले सिद्धरमैया के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई, जिसके बाद शिवकुमार ने खड़गे को ‘बी फॉर्म’ जारी किया. कांग्रेस आलाकमान ने राज्यसभा चुनाव के लिए पांच जून को खड़गे को पार्टी का उम्मीदवार बनाने की घोषणा की थी.


कर्नाटक से राज्यसभा की चार सीटों के लिए 19 जून को चुनाव होना है जो कांग्रेस के राजीव गौड़ा और बी के हरिप्रसाद,  बीजेपी के प्रभाकर कोरे और जद (एस) के डी कुपेंद्र रेड्डी की 25 जून को सेवानिवृत्ति के साथ रिक्त हो जाएंगी. नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख नौ जून है. विधानसभा में कांग्रेस के 68 विधायक हैं और यह चार सीटों में से एक सीट पर अपने खुद के दम पर आसानी से जीत सकती है. इसलिए खड़गे की जीत निश्चित मानी जा रही है.


नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद खड़गे ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व का धन्यवाद व्यक्त किया तथा कहा कि वह उनकी उम्मीदों को पूरा करने के लिए ईमानदारी से कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मैं विधायकों से अपील करता हूं कि यदि चुनाव होता है तो वे मेरा समर्थन करें.’’


निर्वाचन के बाद राज्यसभा में खड़गे पहली बार पहुंचेंगे. इससे पहले वह अपने चार दशक से अधिक समय के कार्यकाल में सीधे लोगों द्वारा निर्वाचित किए जाते रहे हैं. अजेय नेता के रूप में जाने जाते रहे खड़गे को अपने राजनीतिक करियर में पहली बार 2019 के लोकसभा चुनाव में गुलबर्गा से बीजेपी के उमेश जाधव से 95,452 मतों से हार का सामना करना पड़ा.


नौ बार विधायक और दो बार लोकसभा सदस्य रहे 77 वर्षीय खड़गे पूर्ववर्ती लोकसभा में कांग्रेस के सदन के नेता थे. यूपीए सरकार के दौरान वह रेल और श्रम मंत्री भी रह चुके हैं. वह कर्नाटक में कांग्रेस सरकारों के दौरान भी मंत्री रह चुके हैं. विगत में वह कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और कर्नाटक विधानसभा में नेता विपक्ष भी रहे हैं.


खड़गे को राष्ट्रीय स्तर का नेता करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शिवकुमार ने कहा, ‘‘उन्हें उम्मीदवार बनाने के लिए हमारे ऊपर हमारी पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं सहित देश के विभिन्न विपक्षी दलों का दबाव था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने किसी दूसरे विचार के बिना उनके नाम को मंजूरी दे दी और इससे हमारे सभी कार्यकर्ता संतुष्ट हुए हैं.’’


शिवकुमार ने कहा, ‘‘उनका (खड़गे) अनुभव बेमिसाल है और हमें उम्मीद है कि वह लगातार लोगों की आवाज उठाते रहेंगे.’’उन्होंने कहा कि खड़गे को राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाने पर कांग्रेस विधायक दल ने केंद्रीय नेतृत्व का आभार व्यक्त करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है.


कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने कहा कि व्यापक अनुभव वाले खड़गे में पार्टी और राज्य का प्रभावी प्रतिनिधित्व करने तथा राज्यसभा में बीजेपी का सामना करने की सभी क्षमताएं हैं. जेडी (एस) के संरक्षक एवं पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा राज्यसभा चुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवार हैं. विधानसभा में उनकी पार्टी के 34 विधायक हैं और वह अपने दम पर राज्यसभा की एक भी सीट जीतने में सक्षम नहीं है. पार्टी को इसके लिए कांग्रेस के अतिरिक्त मतों की आवश्यकता होगी.


उम्मीदवारों को जीत के लिए कम से कम 45 मतों की आवश्यकता है. विधानसभा में अध्यक्ष सहित बीजेपी के 117 सदस्य हैं और पार्टी आसानी से दो सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है. बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने सोमवार को प्रदेश इकाई की सिफारिशों की अनदेखी करते हुए राज्यसभा चुनाव के लिए एरन्ना कडाडी और अशोक गस्ती को उम्मीदवार बनाकर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया.