धुले: महाराष्ट्र के धुले में बच्चा चोर के नाम पर हुई हत्या के मामले में मुख्य आरोपी को आज क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार किया है. एक जुलाई को भीड़ ने पांच लोगों की पीट-पीटकर (मॉब लिंचिंग) हत्या कर दी थी. इस मामले में पुलिस करीब दो दर्जन संदिग्धों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. मॉब लिंचिंग की घटना के बाद सत्तारूढ़ बीजेपी को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था.

कैसे हुई हत्या? एक जुलाई को 'नाथ गोसावी' नाम के एक खानाबदोश समुदाय से संबंधित करीब आधा दर्जन भिक्षुकों का एक समूह रेनपाड़ा जनजातीय गांव में बस से उतरा था. उनमें से एक बच्ची से बात कर रहा था कि तभी कुछ लोगों ने उसे बच्चा चोर समझ लिया. जिसके बाद बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने उनके ऊपर डंडे, पत्थरों से हमला कर दिया और उन्हें ग्राम पंचायत कार्यालय के समीप जान से मार डाला.

बच्चा चोर की अफवाह देशभर में है. सोशल मीडिया खासकर व्हाट्सएप के जरिए बच्चा चोर की अफवाह फैलाई जा रही है. बीते करीब एक साल में कम से कम 29 लोगों की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी. हालांकि धुले की घटना ने सुर्खियां बटोरी. उसके बाद केंद्र सरकार ने भी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर इस तरह की वारदातों को रोकने के लिए सख्ती से कदम उठाने की अपील की है.

गृहमंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी के मुताबिक, "राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को जिला प्रशासन को संवेदनशील इलाकों की पहचान करने व जागरूकता व विश्वास पैदा के लिए सामुदायिक कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश देने को कहा गया है." इसमें यह भी कहा गया है कि बच्चों को अगवा करने की शिकायतों की उचित तरीके से जांच की जानी चाहिए जिससे प्रभावित लोगों में विश्वास पैदा हो.

मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले दिनों व्हाट्सएप से गलत संदेश फैलाने के खतरे को खत्म करने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा था. सरकार ने व्हाट्सएप से यह सुनिश्चित करने को कहा कि उसके मंच का इस्तेमाल दुर्भाग्यपूर्ण गतिविधियों के लिए नहीं हो.

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