Maharashtra Politics: शिवसेना (Shiv Sena) के कई विधायकों के साथ बगावती कदम उठाने वाले एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में भूचाल ला दिया है. महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे शिवसेना के बड़े नेता हैं. आइए आपको बताते हैं कि आखिर कौन हैं एकनाथ शिंदे, क्या है उनका पुराना इतिहास और क्यों वो शिवसेना के दबंग नेता माने जाते हैं ?


एकनाथ शिंदे ठाणे से शिवसेना के दिवंगत और दबंग नेता आनंद दिघे के शागिर्द माने जाते हैं. आनंद दिघे पर हाल ही में एक फिल्म धर्मवीर भी रिलीज हुई थी. आखिर आनंद दिघे को धर्मवीर क्यों कहा जाता था और शिवसेना में उनका क्या कद था इसका भी अपना एक इतिहास है. 


कौन थे धर्मवीर आनंद दिघे?
शिवसेना पार्टी में बाला साहेब ठाकरे के बाद आनंद दिघे सबसे बड़े कद्दावर और दबंग नेता माने जाते थे. आनंद दिघे का जन्म 27 जनवरी 1951 को हुआ था. दिघे शिवसेना के एक बाहुबली छवि वाले नेता थे, शिवसेना में रहते हुए ही उन पर शिवसेना के एक सदस्य श्रीधर खोपकर की हत्या का आरोप लगा था जिसकी वजह से वो शिवसेना से नाराज थे और उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिये 1989 में कांग्रेस को वोट दिया. आनंद दिघे को टाडा के तहत गिरफ्तार भी किया था फिर वो जमानत पर आकर अपना काम करने लगे. 


अगस्त 2001 में आनंद दिघे एक कार दुर्घटना में घायल हो गये और उनको ठाणे के सुनिति देवी सिंघानिया अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान 26 अगस्त 2001 को उनका दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. शिवसैनिक ये बात मानने को तैयार नहीं थे उनका आरोप था की डाक्टरों ने दिघे के इलाज में कोताही बरती. गुस्साए शिव सैनिंको ने पूरा अस्पताल जला दिया.


आनंद दिघे को क्यों कहते थे धर्मवीर?
ठाणे जिले में आनंद दिघे की भले ही एक दबंग नेता की छवि थी लेकिन उनको उतना ही दयालु और जनता की मदद करने वाला नेता माना जाता था. एक जमीनी नेता की छवि रखने वाले आनंद दिघे जनता की समस्याओं को सुनने के लिये अक्सर एक दरबार लगाते थे जहां पर ठाणे की जनता की समस्याओं को सुना जाता था और उसका निदान वहीं करने की कोशिश की जाती थी. अपनी इस छवि की वजह से वो गरीबों और कमजोर लोगों के मसीहा माने जाने लगे थे.


आनंद दिघे के जीवन पर हाल ही में बनी थी धर्मवीर फिल्म
चूंकि शिवसेना उस वक्त धर्म के लिये लड़ने वाली पार्टी मानी जाती थी और आनंद दिघे जब एक शिवसैनिक की हत्या के मामले में जेल से जमानत पर लौटे तो शिवसैनिकों ने कहा की दिघे जी ने जो भी किया वो शिवसेना की धर्म वाली छवि के लिये किया इसलिए उनके चाहने वालों ने उनको धर्मवीर की उपाधि दी थी और लोगों में आनंद दिघे धर्मवीर नाम से चर्चित हो गये थे. जिस पर अभी धर्मवीर नामक फिल्म बनी थी जो महाराष्ट्र में चर्चा का विषय बनी.


आनंद दिघे के सियासी वारिस बनकर उभरे थे एकनाथ शिंदे
एकनाथ शिंदे, आनंद दिघे के शागिर्द माने जाते हैं. आनंद दिघे की मौत के बाद वो ठाणे में उनके सियासी वारिस बनकर उभरे और उन्होंने अपनी राजनीति भी उसी तरह से करने की कोशिश की जैसी की आनंद दिघे करते थे. एकनाथ शिंदे में आनंद दिघे की छवि इसलिए भी दिखती है क्योंकि एकनाथ शिंदे भी आनंद दिघे की तरह ही अपना हुलिया बनाकर रखते हैं. वैसी दाढ़ी, वैसा टीका और वही स्टाइल.


एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) इस वक्त शिवसेना सरकार (MVA Government) के कैबिनेट मंत्री हैं और उनको नगर विकास और बांधकाम मंत्री का विभाग संभालने के लिए दिया गया है. 2015 - 2019 तक आनंद दिघे बांधकाम मंत्री थे. 2019 में वो आरोग्य मंत्री बने. एकनाथ शिंदे ठाणे से चार बार के विधायक हैं.


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