Explained: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की राह हुई मुश्किल? BJP कर सकती है सरकार बनाने का दावा, समझें गणित
Maharashtra Politics News: महाराष्ट्र विधानसभा में इस वक्त 287 विधायक हैं. इनमें अगर शिवसेना (Shiv Sena) के 39 बागी विधायक फ्लोर टेस्ट में गायब रहते हैं तो सदन की संख्या घटकर 248 हो जाएगी.
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में सियासी हलचल और तेज हो गई है. सुप्रीम कोर्ट से एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट को राहत के बाद फ्लोर टेस्ट (Floor Test) को लेकर राजनीतिक गतिविधियां बढ़ गई है. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक उद्धव सरकार (Uddhav Thackeray) के खिलाफ कभी भी अविश्वास प्रस्ताव आ सकता है. उधर, खबर है कि उद्धव सरकार के तख्तापलट के बाद बनने वाले सियासी हालात के लिए बीजेपी ने पूरी तैयारी कर ली है. शिंदे गुट के समर्थन के बिना भी बीजेपी (BJP) सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है.
महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट में अगर महाविकास अघाड़ी की सरकार गिर जाती है तो महाराष्ट्र की सत्ता पर बीजेपी कैसे काबिज होगी, इसे लेकर रणनीति लगभग तय है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक देवेंद्र फडणवीस के पास सरकार बनाने का पूरा खाका तैयार है. वो भी तब जब शिंदे गुट के 39 विधायक गुवाहाटी में हैं.
बीजेपी का दावा और सियासी गणित
महाराष्ट्र विधानसभा में इस वक्त 287 विधायक हैं. इनमें अगर शिवसेना के 39 बागी विधायक फ्लोर टेस्ट में गायब रहते हैं तो सदन की संख्या घटकर 248 हो जाएगी और ऐसी स्थिति में बहुमत के लिए 125 विधायकों की दरकार होगी. बीजेपी के पास 106 अपने विधायक हैं. साथ ही उसके समर्थन वाले 7 निर्दलीय और अन्य विधायक हैं. बीजेपी को भरोसा है कि शिंदे गुट के 11 निर्दलीय विधायक उसके साथ आ जाएंगे. इसके साथ ही राज ठाकरे की पार्टी के एक विधायक का भी बीजेपी को समर्थन मिल जाएगा.
उद्धव ठाकरे सरकार की मुश्किलें?
बहुजन विकास अघाड़ी (MVA) के तीन विधायकों पर भी बीजेपी का दावा है. तो ये सारे आंकड़े जोड़कर 128 होते हैं जो बहुमत के आंकड़े से ज्यादा है. दूसरी तरफ बीजेपी के सूत्रों के हिसाब से महाविकास अघाड़ी की सरकार अब अल्पमत में है. दरअसल, महाविकास अघाड़ी सरकार में शिवसेना के पास 16 विधायक बचे हैं. एनसीपी (NCP) के पास हैं तो 53 विधायक लेकिन अनिल देशमुख और नवाब मलिक के जेल में होने के कारण वो संख्या 51 हो जाती है. कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं. समाजवादी पार्टी के 2 और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिल सकता है तो ये कुल संख्या 116 हो रही है जो बहुमत से कम है. ऐसे में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के लिए राह काफी मुश्किल है.
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