Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र की सियासत में आया तूफान रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है. राज्य में हर दिन बागी हुए विधायकों के तेवर तीखे होते जा रहे हैं. वहीं शिंदे समूह के खिलाफ शिवसेना भी आक्रामक नजर आ रही है. दरअसल पूर्व गृह राज्य मंत्री और बागी विधायक दीपक केसरकर (MLA Deepak Kesarkar) ने कहा था कि एकनाथ शिंदे गुट (Eknath Shinde Faction) के विधायक अपने समूह का नाम 'शिवसेना बालासाहेब' रखने पर विचार कर रहे हैं. जिसके बाद नाराज शिवसेना (Shivsena) ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा. इस चिट्ठी में कहा गया कि किसी को भी शिवसेना या बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए. हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दीपक केसरकर ने कहा कि हम शिवसेना से अलग नही है. हमने शिवसेना का अलग नाम नहीं मांगा है. हम शिवसेना के विचार को लेकर चलने वाले हैं.


इस बीच शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने पुणे के कटराज के बालाजी इलाके में पार्टी विधायक तानाजी सावंत के कार्यालय में तोड़फोड़ की. बता दें कि सावंत शिवसेना से बागी हुए विधायकों में एक हैं. तोड़फोड़ के वक्त वह असम की राजधानी गुवाहाटी में थे. वहीं, शिवसेना के पुणे शहर प्रमुख संजय मोरे ने भड़काऊ बयान देते हुए कहा है कि किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. पुणे शहर प्रमुख (शिवसेना) संजय मोरे ने कहा "हमारी पार्टी के कार्यकर्ता ने तानाजी सावंत के कार्यालय में तोड़फोड़ की. प्रमुख उद्धव ठाकरे को परेशान करने वाले सभी देशद्रोही और बागी विधायकों को इस प्रकार की कार्रवाई का सामना करना होगा. उनके कार्यालय पर भी हमला होगा, किसी को बख्शा नहीं जाएगा. "


मुंबई में धारा 144 लागू


संजय मोरे के इस बयान के बाद पुणे पुलिस ने अलर्ट जारी कर दिया है और सभी पुलिस थानों को शहर में शिवसेना नेताओं से संबंधित कार्यालयों में सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. इसके अलावा राजधानी मुंबई में धारा 144 भी लगा दी गई है. बता दें कि इससे पहले बागी नेता  एकनाथ शिंदे के गढ़ ठाणे में धारा 144 लागू की गई थी. उनके अवास के बाहर सुरक्षा भी बढ़ा दी  गई थी. 


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