Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार (MVA) पर सियासी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. शिवसेना (Shiv Sena) से बागी हुए एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट ने अपने पास 48 विधायकों के समर्थन होने का दावा किया है. शिवसेना के बागी विधायक सूरत से गुवाहाटी पहले ही शिफ्ट हो गए हैं. गुवाहाटी में शिवसेना के 41 विधायक इस वक्त मौजूद हैं. दूसरी तरफ, उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के पास अब शिवसेना के 16 विधायक ही रह गए हैं. हालांकि संजय राउत के दावे कुछ अलग ही हैं. प्रदेश में सियासी उठापटक के बीच बीजेपी (BJP) सियासी घटनाक्रम पर पैनी नजर बनाई हुई है.


मीडिया रिपोर्ट की मानें तो बीजेपी सियासी संकट के बीच अगली रणनीति को लेकर तेजी से काम कर रही है. अटकलें लगाई जी रही है कि बीजेपी और एकनाथ शिंदे के बीच नए समीकरण पर बातचीत हो सकती है. अगर एकनाथ शिंदे शिवसेना को तोड़ने में कामयाब होते हैं तो बीजेपी से उन्हें क्या इनाम मिलेगा, इस पर अभी कुछ भी साफ तौर से नहीं कहा जा सकता है.


एकनाथ शिंदे को बीजेपी क्या दे सकती है इनाम?


महाराष्ट्र में शिवसेना टूट की कगार पर है. अगर एकनाथ शिंदे शिवसेना को तोड़ने में कामयाब हुए तो बीजेपी की तरफ से उन्हें बड़ा इनाम दिया जा सकता है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि होटल रेडिसन ब्लू में बैठक के दौरान एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को बीजेपी (BJP) ने डिप्टी सीएम पद का का ऑफर दिया है. बताया जा रहा है कि बीजेपी के साथ शिवसेना (Shiv Sena) के विधायकों की चर्चा हुई. 


शिंदे गुट को मिल सकता है 12 मंत्री पद का ऑफर?


एकनाथ शिंदे की बगावत को साल 2019 में शरद पवार के भतीजे अजीत पवार की तरह ही माना जा रहा है. फडणवीस के सीएम रहते बीजेपी के साथ गठबंधन में शिवसेना के खाते में 12 मंत्री पद दिए गए थे. ऐसे में एकनाथ शिंदे बीजेपी के साथ सौदेबाजी करते हैं तो उनके गुट वाले विधायकों को 12 मंत्री पद तक ऑफर किए जा सकते हैं. यानी डिप्टी सीएम के साथ एकनाथ शिंदे गुट को अधिकतम 12 मंत्री पद मिलने की उम्मीद है. वही जिन विधायकों को मंत्री पद नहीं मिलेगा उन्हें बोर्ड या निगमों में जगह दी जा सकती है.


शरद पवार ने क्या कहा था?


एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) भी इस सियासी संकट को टालने की कोशिश में जुटे हैं. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से मुलाकात के दौरान शरद पवार ने सलाह दी कि अगर विरोध को कम करना है तो एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को सीएम बनाने का फैसला लेना चाहिए. वहीं, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने परिवार के साथ सरकारी आवास, वर्षा को खाली परिवार और पूरे सामान के साथ मातोश्री शिफ्ट हो गए हैं.


सियासी संकट की पटकथा कब लिखी गई?


महाराष्ट्र में मौजूदा राजनीतिक संकट की पटकथा असल में राज्यसभा चुनावों के दौरान ही लिख दी गई थी. राज्यसभा के लिए हुए चुनावों में 106 विधायकों वाली बीजेपी 123 वोट लेकर उच्च सदन में 3 सांसद भेजने में कामयाब रही. वहीं, विधान परिषद चुनावों में बीजेपी ने सत्ता पक्ष में सेंधमारी करते हुए 134 विधायकों का समर्थन हासिल कर अपने 5 उम्मीदवार जितवा लिए. जबकि 162 विधायकों को अपने पाले में बताने वाली महाविकास आघाड़ी के 5 सदस्य ही जीत सके. 


क्या है महाराष्ट्र का सियासी गणित?


महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Assembly) में कुल सदस्यों की संख्या 287 है. ऐसे में बहुमत के आंकड़े के लिए 144 विधायकों का समर्थन जरूरी है. प्रदेश में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार (MVA) को 169 विधायकों का समर्थन हासिल है. वहीं विपक्ष के पास कुल 113 विधायक हैं. जिसमें से बीजेपी के 106 विधायक, आरएसपी का 1, जेएसएस का 1 और 5 निर्दलीय विधायक शामिल हैं. मौजूदा हालात को देखते हुए अगर एकनाथ शिंदे अपने 37 समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी से हाथ मिला लेते हैं तो ठाकरे सरकार अल्पमत में आ जाएगी. बहरहाल देखना दिलचस्प होगा एकनाथ शिंदे बीजेपी के साथ जाते हैं या अपना अलग गुट बनाकर दबदबा बरकरार रखना चाहेंगे.


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