Milind Deora on Congress: राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू होने से पहले रविवार (14 जनवरी, 2024) को कांग्रेस को अलविदा कह कर एकनाथ शिंदे गुट वाली शिवसेना में शामिल होने वाले महाराष्ट्र के बड़े नेता मिलिंद देवड़ा ने पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने दावा किया है कि दल में लंबे समय से उन्हें किनारे लगाने की कोशिश हो रही थी. यही वजह है कि आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी.


अंग्रेजी न्यूज चैनल 'इंडिया टुडे' से बातचीत में मिलिंद देवड़ा ने बताया, "जिस कांग्रेस में मैं 2004 में शामिल हुआ, वह 2024 की कांग्रेस पार्टी से कई मायनों में अलग है. राजनीति के प्रति इसका दृष्टिकोण, मानव संसाधनों से निपटने का तरीका, संगठनात्मक क्षमताएं, मुद्दों के प्रति दृष्टिकोण, विपक्ष के रूप में भूमिका, रचनात्मक विपक्ष के रूप में काम करना या विनाशकारी विपक्ष के रूप में...ये सब अलग है. पार्टी मौलिक रूप में बदल चुकी है."


4 दिसंबर 1976 को मुंबई में जन्में मिलिंद देवड़ा महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के मजबूत नेता माने जाते थे. मुंबई शहर में भी उनकी अच्छी-खासी पैठ थी, जबकि कांग्रेस से उनके परिवार का 55 साल पुराना नाता रहा. 15वीं लोकसभा के सबसे युवा सदस्य के रूप में देवड़ा को पहचान मिली थी. वह महज 27 साल की उम्र में सांसद बने थे. 2004 के चुनावों में उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी जयवंतीबेन मेहता को 10 हजार वोटों से हराया था. आगे 2009 में मुंबई दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से उन्हें जीत हासिल हुई थी. देवड़ा के पिता मुरली देवड़ा सीनियर नेता और  कांग्रेस के मजबूत नेता रहे हैं. 


Mumbai Congress को कैसे होगा नुकसान?
मिलिंद देवड़ा न केवल कांग्रेस के बड़े नेता थे बल्कि उनके परिवार का मुंबई में बड़ा राजनीतिक जनाधार है. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले उनके इस्तीफा देने के बाद उन्हीं के कद का नेता खड़ा करना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बन गया है. वैसे तो मिलिंद के इस्तीफे को कांग्रेस ने बीजेपी प्रायोजित बताया है पर राजनीतिक जानकारों का मानना है कि उनके जाने के बाद मुंबई में कांग्रेस को जनाधार हासिल करने में बड़ी मुश्किल होगी.


X पर किया था इस्तीफे का ऐलान


मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने रविवार को कांग्रेस पार्टी छोड़ने की घोषणा करते हुए माइक्रो ब्लॉगिंग मंच एक्स (पहले टि्वटर) पर पोस्ट किया था- आज मेरी राजनीतिक यात्रा के एक महत्वपूर्ण अध्याय का समापन हुआ. कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से मैंने त्यागपत्र दे दिया है. कांग्रेस के साथ मेरे परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता खत्म. मैं वर्षों से उनके अटूट समर्थन के लिए सभी नेताओं, सहकर्मियों और कार्यकर्ताओं का आभारी हूं. 


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