Bal Thackeray 97th Jayanti: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान उन्होंने कहा कि वह एकमात्र ऐसे भारतीय नेता थे जिससे पाकिस्तान डरता था. दिवंगत नेता हिंदुत्व के हिमायती थे, लेकिन उन्हें मुस्लिम समुदाय से कभी नफरत नहीं थी.


दक्षिण मुंबई में महाराष्ट्र विधानसभा भवन के सेंट्रल हॉल में बाल ठाकरे की 97वीं जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि शिवसेना के संस्थापक ने सत्ता हासिल करने के लिए अपने मूल्यों से कभी समझौता नहीं किया. बाल ठाकरे के बेटे व पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके परिवार के सदस्य इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए.


'बाल ठाकरे ने सत्ता के लिए समझौता नहीं किया'


सीएम शिंदे ने कार्यक्रम में कहा, ‘‘बालासाहेब ठाकरे देश में एकमात्र ऐसे नेता थे जिनसे पाकिस्तान डरता था. वह हिंदुत्व के प्रबल समर्थक थे, लेकिन मुस्लिम समुदाय से कभी नफरत नहीं की. उनका एकमात्र विरोध उन लोगों के लिए था जो भारत में रहते हुए पाकिस्तान की प्रशंसा करते थे.’’


पूर्व मुख्यमंत्री और अब राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी व शिवसेना के एक धड़े के प्रमुख उद्धव ठाकरे का नाम लिए बिना मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, ‘‘उन्होंने (बाल ठाकरे ने) सत्ता हासिल करने के लिए अपने मूल्यों से कभी समझौता नहीं किया.’’ विधान भवन परिसर में शिवसेना के संस्थापक के चित्र के अनावरण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, “बालासाहेब का तैल चित्र लगाने का आपका कार्य अच्छा हो सकता है, लेकिन आपकी मंशा खराब है.”


पिछले साल दो गुटों में बंट गई थी शिवसेना


बता दें कि एकनाथ शिंदे पिछले साल अपने साथ शिवसेना के 45 विधायकों को लेकर पार्टी से अलग हो गए थे. इससे उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई थी. बाद में एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई. तब से पार्टी दो गुटों में बंट गई. उद्धव ठाकरे गुट को 'शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे' नाम मिला, जबकि चुनाव चिह्न में इन्हें मशाल मिला. वहीं एकनाथ शिंदे वाले गुट को बालासाहेबची शिवसेना नाम चुनाव आयोग ने दिया था.


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