Governor Bhagat Singh Koshyari Remark: महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर भूचाल उठा हुआ है. ताजा मसला राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) के बयान को लेकर है. राज्यपाल कोश्यारी के गुजराती-राजस्थानी वाले बयान पर सूबे के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे  (Eknath Shinde)  ने भी अपनी नाखुशी जाहिर की है. सीएम शिंदे का कहना है कि राज्यपाल का बयान व्यक्तिगत है और उससे सरकार सहमत नहीं है. 

क्या बोले महाराष्ट्र के सीएम?

महाराष्ट्र (Maharashtra) के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) के गुजराती-राजस्थानी वाले बयान को लेकर सूबे के सीएम ने भी साफ कर दिया है कि वह राज्यपाल के बयान से सहमत नहीं है. सीएम शिंदे ने कहा कि राज्यपाल का बयान व्यक्तिगत है उससे सरकार सहमत नहीं है. उन्होंने कहा कि मुंबई के विकास में मराठी मानुष के योगदान को कोई भी नकार नहीं सकता है. सीएम शिंदे ने कहा कि मुंबई के लिए 106 लोगों ने बलिदान दिया है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल जैसे पद पर बैठे व्यक्ति को हमेशा इस बात का ख्याल रखना चाहिए उनके किसी बयान से किसी भी समाज या व्यक्ति को ठेस न पहुंचे. राज्यपाल को इस तरह का कोई भी बयान नहीं देना चाहिए. सीएम शिंदे ने कहा कि मुंबई में हर समाज के व्यक्ति काम करते हैं, लेकिन मराठी मानुष का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता. 

बयान के बाद राज्यपाल निशाने पर 

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शुक्रवार को कहा था कि अगर महाराष्ट्र से गुजराती और राजस्थानी हट जाएंगे, विशेषकर ठाणे और मुंबई से हट जाएंगे तो यह मुंबई देश की आर्थिक राजधानी होने का अपना स्टेट्स खो देगा. वहां पैसा नहीं रहेगा. इस बयान को लेकर राज्यपाल चौतरफा आलोचना झेल रहे हैं. शिवसेना (Shiv Sena) और कांग्रेस (Congress) ने इसे महाराष्ट्र की जनता का अपमान कहा है. तो शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे (Shiv Sena Chief Uddhav Thackeray ) ने राज्यपाल कोश्यारी पर कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि राज्यपाल के बीते तीन वर्षों के बयानों का भी हिसाब लिया जाए. 

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