Maharashtra News: पिछले साल सितंबर में  दादर पुलिस स्टेशन परिसर में चलाई गई थी, जिसके बाद अब बैलेस्टिक रिपोर्ट से पुष्टि हुई है कि परिसर में चलाई गई गोली शिवसेना (एकनाथ शिंदे) विधायक सदा सरवनकर के लाइसेंसी हथियार से चली थी. यह घटना तब हुई थी जब गणेश विसर्जन के दिन दोनों गुट के शिवसेना में मारपीट हुई थी. 


एक अधिकारी ने बताया की हमने सदा सरवनकर के लाइसेंसी हथियार को जब्त कर कलिना स्थित फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेज दिया था. रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि पुलिस स्टेशन परिसर में मिली एम्प्टी सेल उसी हथियार का था. उन्होंने यह भी बताया कि सरवनकर ने शुरुआत में फायरिंग की बात से इंकार किया था पर बाद में जब शिवसेना के बड़े लीडर जैसे की सांसद अजय सावंत, विधायक अनिल परब, पूर्व मेयर किशोरी पेडणेकर और NCP नेता सचिन भाऊ अहीर दादर पुलिस स्टेशन पहुंचे तब जाकर पुलिस ने सदा सरवनकर और उनके बेटे के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. पुलिस ने बताया कि केस मजबूत बनाने के लिए सदा सरवनकर की बंदूक को FSL भेजा था ताकि बैलेस्टिक जांच में यह साफ हो जाए की वो बंदूक कितने समय पहले चलाई गई थी. एकनाथ शिंदे गुट के नेता और विधायक सदा सरवनकर ने बैलेस्टिक रिपोर्ट पर कहा की मुझे रिपोर्ट के बारे में जानकारी नहीं है. विधायक सदा सरवनकर ने कहा की मैने गोली नहीं चलाई. उन्होंने कहा कि पुलिस अगर मुझे पूछताछ के लिए बुलाती है तो में जाऊंगा,लेकिन अभी तक पुलिस के तरफ से मुझे ना किसी प्रकार का नोटिस या कॉल आया.


क्या है मामला?
गणेश विसर्जन के दिन शिंदे समूह के विधायक सदा सरवणकर के पुत्र समाधान सरवणकर और शिवसेना कार्यकर्ताओं के बीच कहासुनी हो गई थी. जिसके बाद दोनों गुट आपस में भिड़ गए. आरोप है कि इस दौरान विधायक सदा सरवणकर ने फायरिंग की. इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया.शिवसेना विधायक सुनील शिंदे ने आरोप लगाया है कि गोलीबारी में शिवसेना के महेश सावंत बाल-बाल बचे. लेकिन विधायक सदा सरवणकर ने शिवसेना के सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने गोली नहीं चलाई, शिवसेना से उनपर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं. 


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