Maharashtra Karnataka Border Dispute: महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद अब और गहराता जा रहा है. कर्नाटक ने गुरुवार को महाराष्ट्र के साथ सीमा विवाद पर विधानसभा में प्रस्ताव पास किया था. वहीं अब महाराष्ट्र ने भी विधानसभा में प्रस्ताव लाने की तैयारी कर ली है. महाराष्ट्र सरकार में मंत्री शंभुराज देसाई ने शुक्रवार (23 दिसंबर) को कहा कि राज्य सरकार अगले सप्ताह कर्नाटक के साथ सीमा विवाद पर एक प्रस्ताव लाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि ये प्रस्ताव पड़ोसी राज्य के पारित प्रस्ताव से "10 गुना अधिक प्रभावी" होगा. 


कर्नाटक विधानसभा ने गुरुवार को सर्वसम्मति से महाराष्ट्र के साथ सीमा पर एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें राज्य के हितों की रक्षा करने और अपने पड़ोसी को एक इंच जमीन नहीं देने का संकल्प लिया गया. इस प्रस्ताव में सीमा विवाद को जन्म देने के लिए महाराष्ट्र की निंदा भी कई गई.


'कर्नाटक के सीएम का फैसला गलत था'


देसाई ने नागपुर में विधानमंडल परिसर में संवाददाताओं से कहा, ''राज्य सरकार सोमवार को महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा मुद्दे पर एक विस्तृत प्रस्ताव लाएगी, जो कर्नाटक के पारित प्रस्ताव से 10 गुना अधिक प्रभावी होगा." उन्होंने आगे कहा, "मैं केवल यह कहना चाहता हूं कि केंद्रीय गृह मंत्री (अमित शाह) के साथ दोनों (महाराष्ट्र और कर्नाटक) मुख्यमंत्रियों की बैठक के बाद भी कर्नाटक के सीएम (बसवराज बोम्मई) ने जो फैसला किया, वो गलत था. महाराष्ट्र के सीएम (एकनाथ शिंदे) और डिप्टी सीएम (देवेंद्र फडणवीस) दोनों चाहते हैं कि इस मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाया जाए."


'आज ही लाने वाले थे प्रस्ताव'


मंत्री शंभुराज देसाई ने कहा कि हमारी सरकार को आज (शुक्रवार) ही प्रस्ताव पारित करना था, लेकिन बीजेपी विधायक मुक्ता तिलक के निधन के कारण हम इसे आज पटल पर नहीं रख सके. उन्होंने कहा कि सोमवार को पारित होने वाला प्रस्ताव महाराष्ट्र का पक्ष अधिक प्रभावी ढंग से पेश करेगा और मराठी लोगों के हित में होगा. उन्होंने कहा, "प्रस्ताव पारित होने के बाद हम महाराष्ट्र के नेताओं को कर्नाटक में प्रवेश करने से रोकने पर अपनी गहरी नाराजगी से केंद्रीय गृह मंत्री को भी अवगत कराएंगे."


महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद


गौरतलब है कि पिछले कुछ हफ्तों में सीमा विवाद काफी बढ़ गया है. दोनों ओर के वाहनों को निशाना बनाया जा रहा है और दोनों राज्यों के नेताओं के बयान भी सामने आ रहे हैं. कर्नाटक के बेलगावी में तनावपूर्ण माहौल को शांत करने के लिए पुलिस ने कन्नड़ और मराठी कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया था.


उल्लेखनीय है कि भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के बाद सीमा का मुद्दा 1957 का है. महाराष्ट्र ने बेलगावी पर दावा किया, जो तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था, क्योंकि इसमें मराठी भाषी आबादी का एक बड़ा हिस्सा है. इसने 800 से अधिक मराठी भाषी गांवों पर भी दावा किया जो वर्तमान में कर्नाटक का हिस्सा हैं.


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