Mahakumbh Stampede: प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई है. याचिकाकर्ता ने मांग की है कि वह यूपी सरकार से इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट मांगे और जिम्मेदार अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश भी दें.

महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर दूसरे शाही स्नान से ठीक पहले भगदड़ मची थी. इसमें 30 लोग मारे गए थे. कई रिपोर्ट्स में मरने वालों की संख्या 40 से ज्यादा भी बतायी जा रही है. इस हादसे के बाद प्रशासन की भीड़ प्रबंधन व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए हैं. इसके साथ ही बुनियादी सुविधाओं के अभाव की भी बातें सामने आ रही हैं.

जनहित याचिका में क्या-क्या मांगें की गई हैं?एडवोकेट विशाल तिवारी ने इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से सभी राज्यों को प्रयागराज में अपने सुविधा केंद्र बनाने और उन पर तीर्थयात्रियों को सुरक्षा उपायों और दिशा-निर्देशों के बारे में बुनियादी जानकारी देने के निर्देश देने की मांग की है. याचिका में महाकुंभ में अन्य भाषाओं में घोषणाएं, दिशा दिखाने वाले डिस्प्ले बोर्ड, सड़कें आदि की व्यवस्था करने की भी मांग की गई है, ताकि दूसरे राज्यों के लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े और उन्हें आसानी से मदद मिल सके.

याचिका में यह भी लिखा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार के समन्वय से सभी राज्य सरकारों को प्रयागराज महाकुंभ में डॉक्टरों और नर्सों वाली अपनी छोटी मेडिकल टीम भी तैनात करनी चाहिए ताकि मेडिकल इमरजेंसी के समय मेडिकल स्टाफ की कमी न हो.

याचिकाकर्ता ने इस भगदड़ में प्रशासनिक लापरवाही की बात भी कही है. इसमें सुप्रीम कोर्ट से निवेदन किया गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार को 29 जनवरी, 2025 को हुई महाकुंभ 2025 भगदड़ की घटना पर स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाए और साथ ही लापरवाह आचरण के लिए जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश भी दिया जाए.

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