Madhya Pradesh's Women Rescued: मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में उफनती बेतवा नदी में 12 घंटे से अधिक समय तक रहने के बाद आखिरकार 35 वर्षीय सोनम दांगी की जान बचा ली गई. उन्होंने शनिवार को बताया कि वह इस नदी पर बन रहे निर्माणाधीन पुल के एक खंभे में लगे लोहे की सरियों को पकड़कर अपने आठ वर्षीय बेटे के चेहरे को याद करती रही.


एक अधिकारी ने बताया कि सोनम अपने भाई के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर रक्षाबंधन मनाने के लिए अपने मायके पड़रिया गांव जा रही थी, तभी गुरुवार शाम को करीब छह बजे बर्रीघाट पुल से मोटरसाइकिल से फिसलकर उफनती बेतवा नदी में गिर गई और काफी दूर बह गई. सोनम ने कहा, ‘मैं अपने भाई कल्लू दांगी के साथ रक्षाबंधन के मौके पर शाम करीब छह बजे बर्रीघाट पुल पार कर रही थी, तभी हमारी मोटरसाइकिल फिसल गई और मैं नदी में गिर गई. मुझे नदी में गिरता देख मेरा भाई भी नदी में कूद गया, लेकिन पानी के तेज बहाव के कारण वह मुझे बचाने में नाकाम रहा.'


जिस नाव ने बचाया वह भी डूबी


सोनम ने बताया कि घटनास्थल से करीब पांच किलोमीटर तक बह जाने के बाद, "मैं निर्माणाधीन पुल के एक खंभे पर लगाए गए लोहे की सरियों में अटक गई और फिर मैं उन्हें पकड़ी रही. लेकिन रात होने के बाद मैं हिम्मत खोने लगी. आकाशीय बिजली के साथ तेज बारिश होती रही. मुझे अपने आठ साल के बेटे का चेहरा याद आता रहा. मैंने खुद को हिम्मत दी कि मुझे अपने बच्चे के लिए जीना है. मुझे सुबह करीब पांच बजे उस वक्त उम्मीद की किरण दिखाई दी जब बचावकर्मी मुझे बचाने के लिए नाव में सवार होकर आए. मुझे बचाने वाली नाव मुझे सुरक्षित स्थान पर ले जाते समय पलट गई और मैं फिर से पानी में बह गई. इसके बाद मैं पुल से लगभग पांच किलोमीटर दूर राजखेड़ा गांव में पेड़ की एक मोटी लकड़ी के सहारे नदी में अटक गयी, लेकिन अब मैंने लाइफ जैकेट पहन रखी थी. आखिरकार मुझे वहां से बचा लिया गया."


सुरक्षित बचने के बाद भाई को राखी बांधी


सोनम ने बताया कि गांव वाले और बचावकर्मी मुझे एक ट्यूब की मदद से सुरक्षित स्थान पर ले गए और फिर मैंने उस स्थान पर अपने भाई को राखी बांधी. बाद में मुझे अस्पताल ले गए, जहां मेरी मेडिकल जांच की गई. गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने शुक्रवार को बताया कि सोनम के भाई को तत्काल बचा लिया गया था, लेकिन सोनम काफी तलाश करने के बाद रात 11 बजे बेतवा नदी के गंज स्थित एक निर्माणाधीन पुल के एक खंभे में लगे लोहे के सरियों के बीच मिली.


राजौरा ने आगे बताया कि रात दो बजे से बचाव अभियान शुरू किया गया, लेकिन बेतवा नदी में बाढ़ और बहाव के कारण बचाव में लगी मोटर नौका वहां तक नहीं पहुंच पा रही थी. उन्होंने बताया कि सुबह करीब साढ़े चार बजे पांचवें प्रयास में नौका और उसके साथ पांच तैराक वहां तक पहुंच गये, लेकिन जब वे महिला को लाइफ जैकेट पहनाकर वहां से ला रहे थे, तभी तेज बहाव के कारण मोटर नौका पलट गई. सभी तैराक सुरक्षित बाहर आ गए, लेकिन महिला बह गई. राजखेड़ा में लोगों ने महिला को नदी में एक मोटी लकड़ी को पकड़े हुए देखा, जिसके बाद फिर ट्यूब के माध्यम से उसे किनारे पर लाया गया और उसे बचा लिया गया.


यह भी पढ़ें-


Indore News: इंदौर में भारी बारिश से हुए बाढ़ जैसे हालात, एक बच्चे को बचाने की कोशिश में 23 साल के युवक की डूबने से मौत


Agra में बहनों की बहादुरी के चर्चे, यमुना नदी में डूब रहे 4 युवकों को जान हथेली पर रखकर बचाया