Madhya Pradesh Election Survey: मध्य प्रदेश में बीजेपी (BJP) सरकार के राज में टेंट, तंबू, फलेक्स और पोस्टर वालों की चांदी तो रहती है मगर चुनावी साल में इसमें एक नया नाम जुड़ जाता है, सर्वे करने वालों का. पहले ये चुनाव से जुड़े सर्वे (Survey) पार्टियां ही कराती थीं मगर अब तो छोटे बड़े नेता भी सर्वे कराने लगे हैं.


इन दिनों भोपाल के राजनीतिक गलियारों में जिन सर्वे की चर्चा है वो हैं शिवराज सरकार की तरफ से कराए गए सर्वे, मध्य प्रदेश पुलिस की शाखा इंटेलिजेंस का सर्वे या रिपोर्ट, कांग्रेस नेता कमलनाथ के सर्वे और संघ के सर्वे. इनमें शिवराज और कमलनाथ लगातार कुछ-कुछ महीनों में विधानसभा वार सर्वे कराते हैं. जिसमें मुद्दों के साथ-साथ प्रत्याशियों की लोकप्रियता नापी या परखी जाती है. 


सर्वे के आधार पर दिए थे टिकट


दिलचस्प ये है कि जब टिकट चाहने वाला अपना बायोडाटा लेकर किसी बड़े नेता के पास पहुंचता है तो नेता जी या उनका करीबी ज्ञान देता है भाई इलाके में मेहनत करो सर्वे में नाम आने पर ही टिकट मिलेगी. कमलनाथ ने पिछले स्थानीय निकाय चुनाव में अपने सर्वे के आधार पर ही टिकट दिए थे. जिसमें कांग्रेस ने नगर निगम के चुनावों में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया था. वो अपना सर्वे सभी टिकट चाहने वालों के सामने रखकर सच्चाई से अवगत कराते हैं और फिर सबसे मिलकर सर्वे में आगे रहने वाले को जिताने की कसम खिलवा लेते हैं. 


क्या कह रहे शिवराज और कमलनाथ के सर्वे?


अभी क्या हालात हैं, सर्वे किसकी सरकार बनते दिखा रहे हैं? तो अंदर की बात ये है कि कमलनाथ के सर्वे में कांग्रेस की दोबारा दमदार वापसी बताई जा रही है वहीं शिवराज के सर्वे में सरकार बनाने लायक विधायक जीतकर आने का दावा किया जा रहा है. 


किसके सर्वे में बीजेपी की वापसी?


पहले जरूर इंटेलिजेंस और संघ के सर्वे में बीजेपी की हालत पतली थी मगर अब बीजेपी वापसी करती दिख रही है. उसका श्रेय शिवराज की लाडली बहना योजना को दिया जा रहा है. फिलहाल ये सर्वे हवा का रुख ही बता सकते हैं मगर ये हवा की गति कम ज्यादा होती रहती है इसलिये अब सर्वे किसका सटीक होगा ये हमें दिसंबर में ही पता चलेगा. 


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