Sidhi Urination Case: मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल लाने वाले सीधी पेशाब कांड में अब एक नया मोड़ आ गया है. पीड़ित आदिवासी दशमत रावत का कहना है कि यह वीडियो तीन साल पुराना है. उसके इस बयान के बाद से ही राजनीतिक बयानबाजी भी बढ़ गई है. 


एक तरफ दशमत रावत के बयानों के बाद कांग्रेस जमकर बीजेपी पर तंज कस रही है तो दूसरी तरफ बीजेपी में बचाव बढ़ता जा रहा है. प्रशासन ने भी साफ कर दिया है कि वीडियो दशमत का ही है.


शराब कांड के समय होश में नहीं था पीड़ित 


पीड़ित ने रविवार (09 जुलाई) को बताया कि यह घटना साल 2020 में रात के करीब 10 से 11 बजे के बीच में हुई थी. उसने यह भी बताया कि उसने भी घटना के दौरान शराब पी रखी थी और वह होश में नहीं था. 


पीड़ित रावत के इस बयान के बाद बवाल हो गया और लोगों ने कहा कि यह असली पीड़ित नहीं है लेकिन प्रशासन ने इसका खंडन किया है और कहा कि वो ही असली पीड़ित है. दशमत पहले भी प्रवेश शुक्ला को माफ करने की बात कर चुका है. 


कमलनाथ ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

वहीं, अब पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कांग्रेस के विधायकों के साथ मिलकर राज्यपाल को ज्ञापन दिया है. इसमें आदिवासी अत्याचारों पर रोक लगाने की मांग की गई है. कांग्रेस ने कहा कि असल दशमत कौन है इसकी जांच के लिए कमेटी का गठन किया जाए. इस मुद्दे को विधानसभा के सत्र में उठाया जाएगा.


कांग्रेस पर बीजेपी का पलटवार  

दूसरी तरफ इस मामले में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा, "सीधी की घटना में जांच कमेटी और प्रशासनिक रिपोर्ट भी आ रही है. मुझे जो प्रारंभिक जानकारी मिली है कि यह कांग्रेस की सरकार के समय का वीडियो है." उनका आरोप है कांग्रेस अब तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर उनकी पार्टी को फंसाने की कोशिश कर रही है. 


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