उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ शनिवार (18 अक्टूबर, 2025) को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचने जा रही है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरोजिनी नगर स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस यूनिट से तैयार की गई ब्रह्मोस मिसाइलों के पहले बैच का फ्लैग ऑफ करेंगे. यह दिन न केवल उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (UPDIC) के लिए मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि भारत की रक्षा उत्पादों में आत्मनिर्भरता के संकल्प को भी नई ऊर्जा प्रदान करेगा. 

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ब्रह्मोस एयरोस्पेस, जो विश्व की सबसे तेज और घातक सटीक प्रहार क्षमता वाली 'ब्रह्मोस' सुपरसोनिक मिसाइल प्रणाली की निर्माता है, ने लखनऊ की नई इंटीग्रेशन एंड टेस्ट सुविधा से मिसाइल सिस्टम की पहली खेप सफलतापूर्वक तैयार कर ली है. यह अत्याधुनिक यूनिट 11 मई 2025 को उद्घाटन के बाद पूरी तरह संचालन में आई थी. यहां मिसाइल इंटीग्रेशन, टेस्टिंग और अंतिम गुणवत्ता परीक्षण की सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं. सफल परीक्षण के बाद मिसाइलें भारतीय सशस्त्र बलों के लिए तैनाती हेतु तैयार की जाती हैं. 

विभिन्न कार्यक्रमों का होगा आयोजन

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कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री बूस्टर भवन का उद्घाटन करेंगे और बूस्टर डॉकिंग प्रक्रिया का प्रदर्शन भी देखेंगे. इसी क्रम में एयरफ्रेम और एवियोनिक्स, वारहेड भवन में पीडीआई (प्री डिस्पैच इंस्पेक्शन) और ब्रह्मोस सिम्युलेटर उपकरणों का प्रेजेंटेशन किया जाएगा. इसके अलावा वृक्षारोपण कार्यक्रम, स्टोरेज ट्रॉली प्रदर्शन, GST बिल प्रस्तुतीकरण और मोबाइल ऑटोनमस लॉन्चर का प्रदर्शन भी इस अवसर पर आयोजित होगा. 

कार्यक्रम के दौरान डीजी (ब्रह्मोस) डॉ. जयतीर्थ आर. जोशी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक चेक और GST बिल सौंपेंगे, जिससे राज्य सरकार को राजस्व प्राप्त होगा. ब्रह्मोस मिसाइलों के उत्पादन से उत्तर प्रदेश को निरंतर GST आय प्राप्त होगी और उच्च कौशल वाले युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे.

डिफेंस कॉरिडोर की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना

सरोजिनी नगर के भटगांव स्थित अत्याधुनिक ब्रह्मोस यूनिट उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है. यहां मिसाइलों के असेंबली, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग का कार्य उच्च तकनीकी मानकों के अनुरूप किया जाता है. इस यूनिट से पहली खेप के रवाना होने के साथ ही प्रदेश 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' के अभियान में एक सशक्त साझेदार बन गया है. 

लखनऊ ब्रह्मोस यूनिट उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर की पहली ऐसी सुविधा है, जहां मिसाइल सिस्टम के निर्माण से लेकर अंतिम परीक्षण तक की पूरी प्रक्रिया देश में ही की जाती है. यह परियोजना न केवल रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि प्रदेश में रोजगार, निवेश और तकनीकी नवाचार के नए अवसर भी सृजित कर रही है.

उत्तर प्रदेश बनेगा भारत का अगला एयरोस्पेस और रक्षा विनिर्माण हब 

ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने भारतीय सशस्त्र बलों की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपनी उत्पादन क्षमता में तेजी से विस्तार किया है. लखनऊ का यह मैन्युफैक्चरिंग सेंटर न केवल भारतीय सेना की आवश्यकताओं को समयबद्ध रूप से पूरा करेगा, बल्कि आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय निर्यात बाजार की मांगों को भी पूरा करने में सक्षम होगा. 

लखनऊ में स्थापित यह समर्पित ब्रह्मोस यूनिट उत्तर प्रदेश को भारत के अगले एयरोस्पेस और रक्षा विनिर्माण हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. यहां विकसित की जा रही अत्याधुनिक तकनीकें भविष्य में ब्रह्मोस एयरोस्पेस को और भी उन्नत वेरिएंट के मिसाइल सिस्टम विकसित करने में मदद करेंगी.

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