संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त हो गया. इस बार का सत्र गरमागरम बहसों, वॉकआउट और विरोध प्रदर्शनों से भरा रहा. इस दौरान लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने चाय पार्टी का आयोजन किया. इस हॉट टी ने मोमेंट को लाइट कर दिया. इस चाय पार्टी में विपक्षी सांसद भी शरीक हुए. विपक्षी दल का मोर्चा राहुल गांधी की गैरमौजूदगी में प्रियंका गांधी ने संभाला.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बगल बैठी नजर आईं प्रियंकादोपहर में आयोजित इस पार्टी में उन्होंने अपने दल का प्रतिनिधित्व किया. प्रियंका गांधी स्पीकर ऑफिस में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बगल में, स्पीकर ओम बिड़ला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठी नजर आईं.
चाय पार्टी में हल्के फुल्के पल भी मिले देखने कोयह बैठक करीबन 20 मिनट तक चली. इसमें सत्ता पक्ष और विपक्षी सांसदों के बीच कई हल्के फुल्के पल भी देखने को मिले. प्रियंका ने सांसदों को बताया कि वह एलर्जी से बचने के लिए अपने क्षेत्र वायनाड की एक जड़ी बूटी का सेवन करती हैं. इस बात पर पीएम मोदी और राजनाथ सिंह मुस्कुराते हुए दिखे. प्रियंका गांधी ने हाल ही में की पीएम मोदी की इथोपिया, जॉर्डन और ओमान यात्रा के बारे में भी पूछा. पीएम मोदी ने जवाब दिया कि यात्रा अच्छी रही.
सत्र समाप्ति के बाद संसद की परंपरासत्र के समाप्ति पर सभी सांसद स्पीकर के द्वारा दी जाने वाली चाय पार्टी में शामिल होते हैं. यह एक पारंपरिक सभा होती है. इसकी वजह सभी दलों के सदस्यों के बीच सौहार्द और सद्भावना का माहौल बना रहे.
समाजवादी पार्टी के नेता भी रहे मौजूदसमाजवादी पार्टी के नेता धर्मेंद्र यादव, एनसीपी(SP) से सुप्रिया सुले और सीपीआई नेता डी राजा भी बैठक में मौजूद रहे. इस दौरान यादव ने कहा कि सत्र थोड़ा और चल सकता था. इस पर पीएम मोदी ने मजाक में कहा कि सत्र इसलिए छोटा रखा, ताकि गला खराब न हो.
पीएम मोदी ने सांसदों की तारीफपीएम मोदी ने कुछ विपक्षी सांसदों की सदन में अच्छी तैयारी के साथ आने की तारीफ भी की. इनमें प्रेमचंद्रन भी शामिल थे. इस दौरान विपक्षी नेताओं ने पीएम मोदी से पुरानी संसद भवन की तरह एक सेंट्रल हॉल नए भवन में बनाने का आग्रह किया. इसपर पीएम मोदी ने जवाब दिया कि वो रिटायरमेंट के बाद के लिए होता है, आपको अभी बहुत सेवा करनी है. इसपर मौजूद सांसदों की हंसी छूट गई.
प्रियंका गांधी का पार्टी में शामिल होना बना चर्चा का विषयइस बार प्रियंका गांधी का चाय पार्टी में शामिल होना चर्चा का विषय बना रहा. इसकी वजह कि पिछले सत्र में राहुल गांधी समेत कई विपक्षी दलों ने चाय पार्टी का बहिष्कार किया था. तब स्पीकर पर सदन में बोलने नहीं देने का आरोप लगाया गया था. सूत्रों की मानें तो इस बार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने फैसला किया कि सभी विपक्षी सांसदों को चाय पार्टी में शामिल होना चाहिए. इस बार स्पीकर विपक्ष को लेकर निष्पक्ष थे.