Jairam Ramesh On Mani Shankar Aiyar Remark: कांग्रेस नेता मणि शंकर अय्यर की टिप्पणी को लेकर सियासी बवाल मच चुका है. एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस पर हमलावर है तो वहीं कांग्रेस मणिशंकर अय्यर की टिप्पणी से कन्नी काट रही है. इसी क्रम में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यहां तक कह दिया कि मणशंकर अय्यर हैं कौन? वो पार्टी के सिर्फ एक नेता हैं न तो वो सांसद हैं और न ही उनके पास कोई पद है.

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कांग्रेस महासचिव ने कहा, “मणिशंकर अय्यर कौन हैं? वे कोई अधिकारी नहीं हैं, वे पूर्व सांसद और पूर्व मंत्री हैं. वे अपनी निजी हैसियत से जो चाहें बोल सकते हैं. हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है. मीडिया, बीजेपी की ट्रोल आर्मी और सोशल मीडिया इसे चलाते रहते हैं. आज उनका कांग्रेस पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है. वे कांग्रेस पार्टी में हैं, लेकिन वे सांसद भी नहीं हैं, वे सिर्फ पूर्व सांसद हैं.”

उन्होंने ये भी कहा, “मणिशंकर अय्यर ने अपने कथित आक्रमण वाले बयान से बिना शर्त माफी मांग ली है और पार्टी का उनके बयान से कोई लेना-देना नहीं है. पार्टी उनके मूल बयान से खुद को अलग करती है.”

क्या है मामला?

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के लिए आखिरी दौर का मतदान 1 जून को होना है. मतदान के इस आखिरी दौर से पहले एक बार फिर मणिशंकर अय्यर के विवादित बयान की एंट्री हुई. मणिशंकर अय्यर ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि 1962 में चीनियों ने 'कथित' तौर पर भारत पर आक्रमण किया था.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस मसले पर कहा कि मणिशंकर अय्यर ने बाद में गलती से 'कथित आक्रमण' शब्द का उपयोग करने के लिए बिना शर्त माफी मांगी है. जयराम रमेश ने इस दौरान मणिशंकर अय्यर की बढ़ती उम्र का भी हवाला दिया. जयराम रमेश ने कहा कि 20 अक्टूबर 1962 को भारत पर शुरू हुआ चीनी आक्रमण वास्तविक था. हालांकि, उन्होंने इसके साथ यह भी कहा कि मई 2020 की शुरुआत में लद्दाख में चीनी घुसपैठ हुई, जिसमें हमारे 20 सैनिक शहीद हो गए और यथास्थिति भंग हो गई.

उन्होंने आगे कहा कि हालांकि, निवर्तमान प्रधानमंत्री ने 19 जून 2020 को सार्वजनिक रूप से चीनियों को क्लीन चिट दे दी, जिससे हमारी बातचीत की स्थिति गंभीर रूप से कमजोर हो गई. देपसांग और डेमचोक सहित 2000 वर्ग किमी क्षेत्र भारतीय सैनिकों की सीमा से बाहर हो गया है.

मणिशंकर के बयान पर मचा बवाल

वहीं चीन के 1962 के आक्रमण को लेकर कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के दिए गए विवादास्पद बयान पर कांग्रेस व गांधी परिवार से प्रश्न किया जा रहा है. मणि शंकर अय्यर ने 'नेहरूज फर्स्ट रिक्रूट्स' नामक पुस्तक के विमोचन के मौके पर यह विवादित टिप्पणी की थी.

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