Lok Sabha Elections 2024: इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के एक बयान पर बवाल के बाद बुधवार (24 अप्रैल, 2024) को कांग्रेस बैकफुट पर आ गई. चारों ओर आलोचना के बीच पार्टी को सफाई देते हुए इस टिप्पणी से खुद को अलग करना पड़ा. हालांकि, बाद में कांग्रेस के कुछ नेताओं की ओर से सैम पित्रोदा का बचाव भी किया गया और इसके लिए उन्होंने झारखंड के हजारीबाद से बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा के एक पुराने वीडियो का इस्तेमाल किया.


कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश ने जयंत सिन्हा का पुराना वीडियो शेयर करते हुए कहा- कांग्रेस के पास 'विरासत कर' लागू करने की कोई योजना नहीं है बल्कि राजीव गांधी ने 1985 में एस्टेट ड्यूटी खत्म कर दी थी. कृपया बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा, जो कभी नरेंद्र मोदी सरकार में वित्त राज्य मंत्री थे और बाद में वित्त पर संसदीय समिति के अध्यक्ष रहे, को सुनें. उन्होंने अमेरिका की तरह 55% के विरासत टैक्स के पक्ष में जोरदार बहस करते हुए 15 मिनट बिताए हैं. पीएम को जवाब देना चाहिए कि वह इस मुद्दे पर कहां खड़े हैं?


देखिए, जयंत सिन्हा ने वीडियो में क्या कहा:






कांग्रेस नेता की ओर से शेयर की गई क्लिप में पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा कहते दिखे- हमें एस्टेट टैक्स की जरूरत है, ताकि जो लाभ पहले ही वंशों से कारोबार करने वाले लोग उठा रहे हैं, उसका कम से कम 50-55 फीसदी फायदा आगे ले जा सकें. यह खेल के मैदान को सबके लिए बराबर करने और नई संभावनाएं पैदा करने से जुड़ा मामला है. मैंने अमेरिका में काफी समय बिताया है और वहां के साथ बाकी जगहों पर टैक्स है. मैं आपको बता सकता हूं कि एस्टेट टैक्स 55 फीसदी है.


जयराम रमेश ने X पर यह पोस्ट भी किया






पवन खेड़ा ने अमित मालवीय को यूं लपेटा


कांग्रेस के प्रवक्ता और मीडिया-पब्लिसिटी विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के आईटी सेल चीफ अमित मालवीय के एक्स पोस्ट के स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा- इस बीच, अमित मालवीय इस बात पर मलाल महसूस कर रहे होंगे कि उन्होंने ये पुराने ट्वीट्स डिलीट क्यों नहीं किए?


सैम पित्रोदा के किस बयान पर हुआ विवाद?


सैम पित्रोदा ने अमेरिका के विरासत टैक्स का जिक्र किया है. उनके अनुसार, यूएस में 55% विरासत कर लगता है. सरकार 55% हिस्सा ले लेती है. संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए. अगर किसी व्यक्ति के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है तो उसके मरने के बाद 45% संपत्ति पर उसके बच्चों का और 55% पर सरकार का अधिकार होता है. भारत में ऐसा कानून नहीं है. ऐसे मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए. हम ऐसी नीतियों की बात कर रहे हैं, जो लोगों के हित में हो न कि सिर्फ अमीरों के हित में.


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