Muslim In India: देश में एक करीब एक साल बाद लोकसभा के चुनाव होने है. पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी एक बार फिर से सरकार बनाने के लिए सभी वर्गों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. इसी के तहत जनवरी 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं से पसमांदा मुसलमानों के पास पहुंचने का मंत्र दिया था. पीएम मोदी ने कहा था कि हमें पसमांदा समाज तक पहुंचना चाहिए. पीएम की इस अपील के बाद बीजेपी नेता मुसलमानों तक पहुंचने की कोशिश भी कर रहे हैं.
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दाउदी बोहरा समुदाय के एक कार्यक्रम में शामिल होने मुंबई पहुंचे थे. इस कोशिश पर मुसलमानों का कितना समर्थन हासिल हो रहा है, आइए देखते हैं. इंडिया टीवी और मैट्रिज ने एक सर्वे किया था जिसके नतीजे बीते साल के दिसम्बर में जारी किए गए थे.
क्या पसमांदा मुस्लिम पीएम मोदी के साथइस सर्वे के मुताबिक बीजेपी को 22 प्रतिशत पसमांदा मुसलमानों का साथ मिल रहा है. 64 प्रतिशत मुसलमान अभी भी बीजेपी के साथ खुद को जोड़ने से इनकार कर रहे हैं. वहीं, 14 प्रतिशत अभी तक इस बारे में साफ नहीं हैं.
राम मंदिर से बीजेपी को फायदाराम मंदिर को लेकर बीजेपी के लिए अच्छी खबर है. 48 प्रतिशत हिंदू मानते हैं कि राम मंदिर बनने से बीजेपी को वोट मिलेंगे. वहीं 38 फीसदी हिंदू इससे इंकार करते हैं. 72 प्रतिशत मुस्लिम मानते हैं कि राम मंदिर बनने से बीजेपी को फायदा होगा, जबकि 12 प्रतिशत इसकी संभावना नहीं देखते.
किसके साथ मुसलमानइस सर्वे में देश की राजनीति और चुनाव को लेकर सवाल पूछे गए. मुसलमान किस दल पर सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं, इसके जवाब में केवल 9 प्रतिशत मुस्लिमों ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए पर विश्वास जताया. मुसलमानों का सबसे ज्यादा भरोसा कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए (38 प्रतिशत) पर है.
दूसरे नंबर पर क्षेत्रीय पार्टियां हैं. सर्वे में शामिल 31 प्रतिशत मुसलमानों ने क्षेत्रीय दलों पर भरोसा जाहिर किया है. हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन औवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के ऊपर 16 प्रतिशत मतदाता भरोसा करते हैं.
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