नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर अभी संशय के बादल दिख रहे हैं. गठबंधन को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के घर पर हुई बैठक के दौरान पार्टी की दो राय दिखी. बैठक के दौरान पार्टी के पांच नेताओं ने गठबंधन का समर्थन किया जबकि 6 अन्य नेताओं ने इसका विरोध किया.

बैठक के दौरान दिल्ली प्रदेश प्रभारी पीसी चाको के अलावा दिल्ली कांग्रेस के चार पूर्व अध्यक्ष अजय माकन, अमरिंदर लवली, सुभाष चोपड़ा और ताजदार बाबर ने गठबंधन का समर्थन किया. इस दौरान चाको ने गठबंधन के पक्ष में सभी 14 जिला अध्यक्षों और तीनों नगर निगमों में कांग्रेस दल के नेताओं की चिट्ठी सौंपी.

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इस गठबंधन के विरोध में दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित के अलावा उनके तीनों कार्यकारी अध्यक्ष, जेपी अग्रवाल और योगानंद शास्त्री ने भी विरोध किया. बैठक के दौरान जहां 5 नेताओं ने गठबंधन का सर्मथन किया वहीं 6 नेताओं ने इसका विरोध किया.

बैठक के बाद नेताओं ने अंतिम फैसला राहुल गांधी पर ये कह कर छोड़ा गया कि उनका फैसला सभी नेताओं को मंजूर होगा. अपने पुराने स्टैंड से पलटते हुए सुभाष चोपड़ा और अमरिंदर सिंह लवली ने भी गठबंधन का सर्मथन किया. इससे पहले लवली भी आप के साथ गठबंधन का विरोध कर चुके हैं.

कांग्रेस नेता राजेश लिलोठिया ने कहा, ''हम गठबंधन नहीं चाहते हैं. अपनी बात राहुल गांधी के सामने रखी है. पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र है. इस बारे में राहुल गांधी अंतिम फैसला लेंगे.'' वहीं पीसी चाको ने बताया कि पार्टी गठबंधन के फैसले पर 1 बजे के बाद खुलासा करेगी.

कब है दिल्ली में मतदान

बता दें कि दिल्ली की सभी सातों सीटों पर एक चरण में मतदान होगा. दिल्ली में छठे चरण में 12 मई को मतदान होगा. वोटों की गिनती 23 मई को होगी.

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