नई दिल्ली: मोदी सरकार लोकसभा और राज्यसभा टीवी को मर्ज कर एक नया चैनल बना सकती है. चैनल के मर्जर के विषय में जानकारी राज्यसभा महासचिव देश दीप वर्मा ने सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड में इंटर-पार्लियामेंटरी यूनियन की 141वीं बैठक में दी. इस बैठक का आयोजन 13 अक्टूबर को किया गया था.
सूत्रों के मुताबिक दोनों चैनलों के विलय को सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा मॉनिटर किया जा रहा है. विलय के लिए आगे कमिटी का भी गठन किया जा सकता है. खबर है कि प्रधानमंत्री कार्यालय में इन दोनों चैनलों के विलय के बारे में पिछले कुछ सालों से चर्चा चल रही है.
संसद टीवी हो सकता है नाम
सूत्रों के मुताबिक शुरुआत में यह तय किया गया था कि लोकसभा और राज्यसभा टीवी को बंदकर दूरदर्शन पर ही सदन की कार्यवाही दिखाई जाए. हालांकि, अब इस विचार को छोड़कर इन दोनों चैनलों को मिलाकर एक संसद टीवी लॉन्च करने की खबर है.
आपको जानकारी दें कि लोकसभा टीवी की शुरुआत लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के समय में साल 2006 में हुई थी. सोमनाथ चटर्जी का मानना था कि देश के लोगों को संसद की कार्यवाही देखने का हक है जिससे वह अपने प्रतिनिधियों का मुल्यांकन कर सके.
राज्यसभा टीवी की शुरुआत लोकसभा टीवी के लॉन्च होने के कई साल बाद हुई. साल 2011 में उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी के चेयरमैनशिप में इस चैनल को लॉन्च किया गया था. राज्यसभा टीवी अपने दमदार कंटेंट के लिए जाना जाता है.
यह भी पढ़ें- पहाड़ी राज्यों में भारी बर्फबारी के बाद मौसम का बदला मिजाज, दिल्ली में भी हल्की बारिश महाराष्ट्र में कैसे बन सकती है सरकार? 9 नवंबर तक नहीं बनी बात तो लग सकता है राष्ट्रपति शासन अयोध्या पर फैसले से पहले यूपी में सीएम योगी ने की बैठक, भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट पर होगी कार्रवाई