बिहार: जेडीयू और एलजेपी के बीच चल रहे वैचारिक मतभेद के बीच एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने शनिवार को पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं की आपात बैठक बुलाई है. दरअसल, कल देर शाम चिराग ने बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की है, जिसके बाद उन्होंने पार्टी नेताओं को कल आपात बैठक के लिए पटना बुलाया है. ऐसे में बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात के बाद बैठक बुलाए जाने को लेकर कयासों का बाजार गर्म है. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि बैठक में चिराग कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं.
सूत्र के हवाले से खबर आ रही है कि प्रधान मंत्री के अपमान के मामले पर लोजपा गरम है. ललन सिंह के बयान पर चिराग ने ही भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाक़ात की थी. प्रधानमंत्री कार्यालय के ट्वीट जिसपर बिहार में टेस्टिंग बढ़ाने की बात कही गई थी उसी को लोजपा ने रीट्वीट कर प्रधान-मंत्री को बधाई दिया था, जिसपर ललन सिंह ने चिराग पासवान को कालिदास कहा था. प्रधानमंत्री का अपमान ललन सिंह ने किया जो ठीक नहीं है और अब लोजपा बड़ा क़दम उठने जा रही है.
प्रधानमंत्री के अपमान पर नीतीश सरकार से समर्थन वापस ले सकती है
दरअसल, चिराग पासवान लगातार सीएम नीतीश कुमार को एक रणनीति के तहत घेर रहे हैं. ऐसे में बुधवार को जब उन्होंने पीएम नरेंद्र मादी के ट्वीट का सहारा लेकर सीएम नीतीश को घेरने की कोशिश की तो जेडीयू नेताओं ने उनके ख़िलाफ मोर्चा खोल दिया और चिराग को जमकर फटकार लगाई. एक तरफ जहां बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार ने चिराग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए सीएम नीतीश कुमार की तारीफ को याद करने की बात कही. वहीं दूसरे तरफ जेडीयू नेता ललन सिंह ने उन्हें कालिदास बताते हुए कहा था कि वो जिस डाल पर बैठते हैं उसे ही काटते हैं.
ललन ने कहा था कि चिराग विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं तो अच्छी बात है, निंदक जितने नजदीक रहे उतना बेहतर है. लेकिन नीतीश कुमार उनकी बातों पर ध्यान नहीं देते हैं, केवल आपना काम करते हैं. ललन सिंह के इस बयान का एलजेपी प्रवक्ता अरशद अशरफी ने पलटवार किया था और उन्हें सूरदास बताया था. साथ ही यह भी कहा था कि आपके मुख्यमंत्री पीएम नरेंद्र मोदी की कृपा से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन हैं. यह तीन पार्टी के सहमती का फैसला था न कि किसी एक पार्टी का.
इधर, एनडीए घटक दल एलजेपी और जेडीयू के उठापटक के बीच हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी लगातार जेडीयू से हाथ मिलाने का इशारा दे रहे हैं. शुक्रवार को जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर लिखा, " नियोजीत शिक्षकों के पक्ष में किए जा रहे फैसलों के हम स्वागत करते हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी आपसे आग्रह करते हैं कि राज्यहित में नियोजीत शिक्षकों का समान काम के बदले समान वेतन सुनिश्चित करें, हम आपके साथ हैं."