नई दिल्ली: लॉकडाउन के दौरान हरियाणा के सोनीपत के खरखौदा स्थित गोदाम से गायब हुई हजारों पेटी शराब के मामले में चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं. बेशक, छानबीन में जुटी सोनीपत पुलिस ने चौथे दिन शराब के स्टॉक की छानबीन पूरी कर ली हो लेकिन पुलिस के अधिकारी मीडिया को इसकी जानकारी देने से बचते नजर आ रहै हैं. इसी बीच एबीपी न्यूज़ की पड़ताल में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.

अवैध शराब के इस गौरखधंधे की पड़ताल के दौरान हमें पता लगा कि एक दीवार को तोड़कर पुलिस द्वारा जब्त की गई अवैध शराब को गोदाम से चोरी छिपे रात के अंधेरे में बाहर निकाला जाता था. पक्की दीवार को तोड़े जाने के बाद दोबारा से उसे ईंट और सीमेंट से बन्द किया जाता था.

दरअसल, तोड़ी जाने वाली दीवार गोदाम के अंदर बने उस कमरे की है जिसमें पुलिस द्वारा जब्त हजारों पेटियां शराब रखी गयी थी. दीवार के बिलकुल साथ लगते हालनुमा कमरे में आबकारी विभाग द्वारा पकड़ी गई शराब को सील किया गया था. दोनों के बीच यह दीवार थी, जिसके निचले हिस्से को तोड़कर आबकारी विभाग वाले हॉल के रास्ते शराब निकाली गई. सूत्र बताते हैं कि लॉक डाउन के दौरान रात के अंधेरे में शराब को यहां से ट्रकों में भरकर निकाला गया. ऐसे में बड़ा सवाल यह भी है कि चारों तरफ नाकेबंदी के बावजूद ये ट्रक कैसे शराब लेकर निकले? क्या नाकों पर चेकिंग ही नहीं हुई या फिर पुलिस ने देखकर भी आंखें मूंद ली थी. छानबीन के दौरान अब दीवार को बन्द करवाया गया है.

सन्देह के दायरे में आबकारी विभाग

आपको बता दें कि आबकारी विभाग के कमरे को 2019 में सील किया गया था लेकिन पुलिस की जब्त की हुई शराब को इसी हॉल के रास्ते बाहर निकाला गया. ऐसे में आबकारी विभाग पर भी गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं. सबसे बड़ा सवाल तो यही कि आबकारी विभाग की जानकारी में सब कुछ होते हुए भी अधिकारी इस मामले पर अनजान क्यों बने रहे? क्या आबकारी विभाग के अधिकारियों को टूटी हुई दीवार नजर ही नहीं आयी या फिर इसे जानबूझ कर अनदेखा किया गया. मामला उजागर होने पर आबकारी विभाग भी सन्देह के दायरे में नजर आ रहा है.

5 से 6 हजार पेटी शराब और बियर का स्टॉक कम पाया गया- सूत्र

दूसरी ओर, इस शराब कांड के उजागर होने के बीच लगातार चौथे दिन भी पुलिस अपने जब्त स्टॉक की बोतलें गिनती रही थी. शाम से पहले यह काम निपटा लिया गया. फिर भी मीडिया को जानकारी नहीं दी गयी कि यहां कितना स्टॉक कम पाया गया है. हालांकि, हमारे सूत्र बताते हैं कि यहां पर करीब 5 से 6 हजार पेटी शराब और बियर का स्टॉक कम पाया गया है. बेशक, खरखौदा के एसएचओ जसबीर को लाइन हाजिर कर मामले की लीपापोती के प्रयास किये गए हों लेकिन हालात देखकर कहा नहीं जा सकता कि अकेला एसएचओ इतना बड़ा खेल खेल सकता है. सम्भव है कि इस खेल में कई और बड़े खिलाड़ी शामिल रहे हों जिनको बचाने के जुगाड़ भिड़ाये जा रहे हैं.

सोमवार दोपहर को शराब के गोदाम पर पहुंचे सोनीपत के डीएसपी जितेंद्र खटखड़ ने न केवल पूरे गोदाम की वीडियोग्राफी करवाई बल्कि काफी देर तक वे सीआईए-2 इंचार्ज इंस्पेक्टर विवेक मलिक के साथ गोदाम में छानबीन भी करते रहे. हालांकि डीएसपी जितेंद्र ने इंक्वायरी का हवाला देते हुए कोई भी सटीक जानकारी देने से इनकार कर दिया.

2019 में सील किये गए स्टॉक में 2020 की बनी बीयर की बोतलें पाई गई

एबीपी न्यूज़ की पड़ताल में एक और चौंकाने वाली जानकारी ये भी मिली है कि आबकारी विभाग के 2019 में सील किये गए स्टॉक में 2020 के मार्च महीने की बनी बीयर की बोतलें पाई गई. ऐसे में एक गंभीर सवाल यह भी खड़ा होता है कि आखिर 2019 में सील हो चुके स्टॉक में 2020 की बनी हुई बीयर की कैनें कहां से आ गईं. खैर, सोनीपत के इस शराब कांड ने व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है और हालात को देखते हुए कहने में कोई दो-राय नहीं कि लॉकडाउन की आड़ में यहां अवैध शराब को लेकर बड़ा खेल खेला गया है जिसकी गहराई से छानबीन जरूरी है.

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