नई दिल्ली: शराब की दुकानों को बचाने के लिए स्टेट हाईवे को डिनोटिफाई करने के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल और स्टेट हाईवे के 500 मीटर के दायरे में शराब बिक्री बंद करने का आदेश दिया था. इससे बचने के लिए कई राज्य सरकारों ने स्टेट हाईवे को शहरी सड़क घोषित करना (हाईवे को डिनोटिफाई करना) शुरू कर दिया है. दरअसल जब से हाईवे पर शराब की दुकानों के बंद होने का सिलसिला शुरू हुआ है तब से ज्यादातर दुकाने शहर के बीचो बीच रिहायशी इलाको में शिफ्ट होनी शुरू हो गयी हैं. देश के कई हिस्सो में इस बात को लेकर लगातार प्रदर्शन भी हो रहे हैं.  क्या है सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर?  सुप्रीम कोर्ट ने 1 अप्रैल से नेशनल और स्टेट हाईवे के किनारे शराब बिक्री पर रोक लगा दी है और इस पर होटल-रेस्तरां में बिकने वाली शराब पर भी रोक लगा दी है. नेशनल हाईवे के 500 मीटर के दायरे में शराब की दुकानों पर रोक का फैसला 1 अप्रैल से लागू हो गया है. हालांकि चीफ जस्टिस जे एस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने साफ कर दिया था कि 15 दिसंबर 2016 का उसका आदेश पिछले आदेश में बताए गए इलाकों के इतर प्रभावी रहेगा. यानि जिन इलाकों की आबादी 20,000 से ज्यादा होगी वहां 500 मीटर के दायरे में शराब की दूकानों पर पाबंदी जारी रहेगी. 15 दिसंबर के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हाईवे के 500 मीटर के दायरे में शराब की दुकानों पर पाबंदी होगी. हाईवे के पास शराब की दुकानों की अनुमति देने के लिए 220 मीटर का पैमाना सिक्किम, मेघालय और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में भी लागू होगा. हाईवे पर शराबबंदी को लेकर कानूनी विकल्प तलाश रहा है FHRAI  फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) नेशनल और स्टेट हाईवे पर शराबबंदी के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ कानूनी विकल्प की तलाश कर रहा है. एफएचआरएआई का कहना है कि इस प्रतिबंध से एक लाख से अधिक प्रतिष्ठान प्रभावित हुए हैं और करीब दस लाख नौकरियां दांव पर हैं. साथ ही एफएचआरएआई ने कहा इससे सरकारी खजाने को भी दो लाख करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होगा. क्यों लिया गया ये फैसला? राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों (हाइवे) पर लगातार बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के पीछे शराब की दुकानों को जिम्मेदार माना जाता रहा है जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाया. इसके तहत नेशनल और स्टेट हाईवे के 500 मीटर के दायरे के बाहर ही शराब की दुकानों को खोला जा सकेगा. वहीं आबकारी विभाग की मानें तो हाईवे पर शराब की बिक्री के साथ उनके दुकानों के बैनर और होर्डिंग पर भी बैन लगाया गया है.