नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में इस वर्ष दिवाली पर आग की घटनाओं में कमी देखी गई। वर्ष 2018 में जहां आग लगने की 271 कॉल दिल्ली फायर सर्विस विभाग को मिली थी, तो वहीं इस वर्ष यह आंकड़ा घटकर 245 ही रहा है, जो 2017 की तुलना में ज्यादा है. 2017 में आग लगने की 204 कॉल ही मिलीं थीं. दिल्ली फायर सर्विस के चीफ फायर ऑफिसर अतुल गर्ग ने यह भी कहा कि इस बार हम भाग्यशाली रहे कि आग लगने कोई भी घटना बड़ी नहीं थी, यानी दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि आग की छिटपुट घटनाएं ही इस बार राजधानी में दिवाली के अवसर पर रहीं. जिसमें किसी भी प्रकार की जान का कोई नुकसान नहीं हुआ है.

क्या हो सकती है वजह

आग की घटनाओं में आई कमी को लेकर दिल्ली फायर सर्विस के चीफ ऑफिसर अतुल गर्ग का कहना है कि इसके लिए दो कारण प्रमुख है. एक यह कि लोगों में कहीं न कहीं जागरूकता बढ़ी है, जिसकी वजह से आग लगने की घटनाओं में खासा कमी आई है. दूसरी बात यह भी हो सकती है कि अधिकतर लोगों ने खुले इलाकों में जैसे पार्क, मैदान आदि में जाकर पटाखे छोड़े हैं, यही वजह है कि आग की सबसे ज्यादा घटनाएं खुले इलाकों में ही देखने को मिली है.

2000 से ज्यादा फायर कर्मी थे अलर्ट

जहां एक ओर आम नागरिक दिवाली मनाने में व्यस्त थे, वही दिल्ली फायर सर्विस के 2000 से ज्यादा कर्मचारी अलर्ट मोड पर थे. सीएफओ अतुल गर्ग का कहना है कि दिवाली पर फायर सर्विसेस के तमाम स्टाफ की छुट्टियां कैंसिल कर दी गई थी. सभी को ड्यूटी पर तैनात किया गया था. अलग-अलग स्टेशनों और पॉइंट पर सब की तैनाती थी. लगभग 2,000 से ज्यादा फायर कर्मी ड्यूटी पर थे। यही कारण है कि आग की जितनी भी कॉल फायर विभाग को मिली, सभी पर फायर विभाग ने जल्दी से जल्दी पहुंचकर काबू पा लिया. पिछले 5 साल का आंकड़ा

वर्ष                                                    कॉल 2019                                                245 2018                                               271 2017                                               204 2016                                              243 2015                                              290